दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर आ रही है। राजधानी में मंकीपॉक्स (Monkeypox) ने दस्तक दे दी है। दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हुई है। संक्रमित व्यक्ति का कोई भी विदेश यात्रा का इतिहास नहीं बताया जा रहा है। पश्चिमी दिल्ली का 31 वर्षीय ने कभी विदेश यात्रा नहीं की थी। ये वायरस बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। क्योंकि अभी इसका इलाज नहीं है। लेकिन इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
मरीज को लोकनायक अस्पताल (Lok Nayak Hospital) भर्ती कराया गया है। दो दिन पहले ही इस मरीज का सैंपल जांच के लिए एनआइवी पुणे भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि मरीज 31 वर्षीय व्यक्ति है जिसने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इस मरीज को बुखार और त्वचा के घावों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज का उपचार दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है।
मंकीपॉक्स के संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सुस्ती महसूस होती है। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने भी हो सकते हैं, जो हाथों व चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। इसका संक्रमण अधिकतम पर 14 से 21 दिन तक रहता है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के लोकनायक अस्पताल को मंकीपॉक्स के मामलोंं के लिए नोडल सेंटर बनाया गया है। मंकीपॉक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, उसके खून से और संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपॉक्स हो सकता है।
बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपाक्स की चपेट में आने पर मौत होने की आशंका काफी कम है। संगठन के मुताबिक कुल मामलों के 1 से 10 फीसद मौत इस बीमारी से हो सकती हैं। इनमें भी इस बीमारी के लक्षण और उनकी स्टेज पर काफी कुछ निर्भर करता है।