देहरादून । विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट के लिए जिम्मेदार सरकार में माननीय के रूप में बने हुए हैं। और नौकरी पाए लोगों को हटाने का क्रम शुरू हो गया है। प्रभावित लोग इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाने का मन बना चुके हैं।
अंतरिम विधानसभा से लेकर चौथी विधानसभा तक में लगी एक-एक नौकरी सवालों के घेरे में है। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी द्वारा कराई गई जांच का फोकस 2016-22 के बीच पर रहा। जांच रिपोर्ट के बाद इस दौरान नौकरी लगे करीब 250 लोगों की सेवा समाप्त करने का निर्णय हुआ है।
लोगों को हटाया भी जाने लगा है। इसके लिए बकायदा पत्र जारी किए जा रहे हैं। इन सबके बीच चौंकाने वाली बात ये है कि नौकरी लगे लोगों को तो हटाया जा रहा है। मगर, नौकरियों की बंदरबांट के लिए जिम्मेदारी सरकार में माननीय के रूप में बने हुए हैं।
इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों के मन में रह रहकर विशेषाधिकार की बात सामने आ रही है। इस पर सरकार और भाजपा की चुप्पी तो और भी हैरान करने वाली है। इस बीच, जांच से प्रभावित लोग कोर्ट की शरण में जाने का मन बना चुके हैं।