-कहा राष्ट्रीय दल बने प्रदेश के लिए ग्रहण,करना पड़ेगा जड़ से उखाड़ फेंकने का उपाय-
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी और उनके पिता भुवन चंद्र खंडूरी द्वारा की गई बैक डोर और फर्जी भर्तियों के खिलाफ आज जमकर हमला बोला।
इससे कुछ दिन पहले अपनी कार्यवाही को लेकर वाहवाही बटोर रही रितु खंडूरी बैकफुट पर आ गई हैं और उत्तराखंड से बाहर के लोगों को अपने स्टाफ में नियुक्त करने को लेकर घिर गई है।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि खंडूरी परिवार वोट के लिए तो कोटद्वार और यमकेश्वर की जनता के पास जाते हैं और लखटकिया नौकरियां देने के लिए नेपाल, बिहार, दिल्ली और यूपी के अपने खास लोगों को लाकर कुर्सियों पर बिठाते हैं।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए तमाम बैक डोर व फर्जी नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने एक जांच कमेटी बिठाकर गलत चयन प्रक्रिया को आधार बनाते हुए 200 से अधिक तदर्थ रूप से कर्मचारियों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने रितु खंडूरी पर सलेक्टिव जांच कराने का आरोप लगाते हुए राज्य गठन से लेकर अब तक हुई सारी नियुक्तियों को निरस्त कराने की मांग करते हुए कहा कि रितु खंडूरी अपने पिता भुवन चंद्र खंडूरी और भाजपा विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पंत तथा हरबंस कपूर के समय पर हुई नियुक्तियों पर पर्दा डालना चाहती है और भेदभाव पूर्ण तरीके से कार्यवाही की गई है।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने दस्तावेजों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और खंडूरी के पिता चंद्र खंडूरी द्वारा नेपाल के दो युवकों का फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र तथा फर्जी मार्कशीट बनाकर परीक्षाओं में धांधली करवा कर नियुक्त कराने का आरोप लगाते हुए इन दोनों भर्तियों को निरस्त कराने की मांग की है।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि भुवन चंद्र खंडूरी ने अपने नेपाली नौकरों को पहले फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरियां दी और फिर अपने घर पर ही उनको डेपुटेशन पर बुला लिया।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने चेतावनी दी है कि यदि यह भर्तियां निरस्त नहीं हुई तो भुवन चंद्र खंडूरी के खिलाफ फर्जीवाड़ा और कूट रचना करने के लिए मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
यूकेडी महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि जांच कमेटी को समय सीमा से 10 दिन पहले जांच रिपोर्ट जमा करने की क्या जल्दी थी ! जबकि नियुक्त कार्मिकों की ठीक से जांच नहीं की गई ना तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वालों की जांच की गई और ना ही रिश्वत देकर नौकरी लगने वालों की, जबकि कुछ मृतक आश्रितों को बेवजह ही नौकरी से निकाल दिया गया।
महिला मोर्चा की केंद्रीय उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ने कहा कि कर्मचारियों को बिना नोटिस के निकाले जाने से उनको हाईकोर्ट में स्टे मिलने में आसानी हो जाएगी और इससे सरकार की किरकिरी होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, उपाध्यक्ष उत्तरा पंच बहुगुणा, राजेंद्र सिंह गुसाईं आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।