ऊखीमठ। केदारनाथ से लगभग 10 किमी दूर महापंथ के निकट फंसे पश्चिम बंगाल के पर्यटक के शव को निकालने के लिए आपदा प्रबंधन ने आज फिर तीसरी बार हैलीकॉप्टरों से रेक्स्यू शुरू किया। इससे पहले एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर द्वारा महापंथ में दो बार लैंडिंग करने का प्रयास किया गया, मगर महापंथ में लगभग 8 फीट तक बर्फ जमे होने और महापंथ का भूभाग पथरीला होने के कारण हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया। यहां लगातार रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं।
बता दें कि दो अक्टूबर को दस सदस्यीय पर्यटकों का दल स्थानीय पोर्टरों व गाइडों के साथ रांसी-मनणामाई-केदारनाथ पैदल ट्रैक से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुआ था। 8 अक्टूबर को दल के महापंथ के निकट पहुंचने पर पश्चिम बंगाल निवासी 34 वर्षीय आलोक विश्वास की तबीयत बिगड़ने के बाद दल के आठ सदस्य केदारनाथ पहुंचे। महापंथ में फंसे दो पर्यटकों की सूचना जिला आपदा प्रबंधन को दी गई। 9 अक्टूबर को एसडीआरएफ ने केदारनाथ से महापंथ के लिए रेक्स्यू शुरू किया, लेकिन हिमालयी क्षेत्रों में निरन्तर बर्फबारी होने के कारण दल को वापस लौटना पड़ा। दस अक्टूबर को फिर से महापंथ के लिए रेक्स्यू शुरू किया गया। रेक्स्यू दल के महापंथ तक पहुंचने पर आलोक विश्वास की मृत्यु हो चुकी थी। दूसरे साथी की तबीयत भी खराब हो गयी थी। तब रेक्स्यू दल ने बीमार पर्यटक को केदारनाथ पहुंचाया, मगर महापंथ के मध्य अधिक बर्फबारी होने के कारण आलोक विश्वास के शव का रेक्स्यू नहीं किया गया।
जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि शव को निकालने के लिए आज दो हेलीकॉप्टरों की मदद से रेक्स्यू शुरू कर दिया गया है तथा रेक्स्यू दल में आठ एसडीआरएफ व पांच डीडीआरएफ के जवान शामिल हैं।