मुंबई: छत्रपति शिवाजी पर टिप्पणी मामले में चौतरफा घिरे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पद से इस्तीफा देने का मन बना रहे हैं। गौरतलब है कि शिवाजी पर दिए गए बयान से कोश्यारी की खूब किरकिरी हो रही है। विपक्ष राज्यपाल से अपने पद से हटने की मांग कर रहा है। कोश्यारी के बयान के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार को भी राज्यपाल कोश्यारी का बयान रास नहीं आया है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘हम जब पढ़ते थे, मिडिल स्कूल में, हाईस्कूल में, तो उस हमारे टीचर हमसे पूछते थे, आपका पसंदीदा नेता कौन है? हम लोग उस समय, जिसे सुभाषचंद्र बोस अच्छे लगे, जिसे जवाहरलाल नेहरू अच्छे लगे, या जिसे महात्मा गांधी अच्छे लगते थे, उन्हें अपना हीरो बताते थे। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कोई आपसे पूछे कि हू इज योर आइकन, हू इज योर फेवरिट हीरो, तो आपको बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यहीं महाराष्ट्र में आपको मिल जाएंगे।’
कोश्यारी ने क्या कहा था?
कोश्यारी ने आगे कहा, ‘शिवाजी तो पुराने युग की बात हैं, मैं नए युग की बात बोल रहा हूं, यहीं मिल जाएंगे डा. भीमराव आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक, यहीं मिल जाएंगे आपको आपके आइकन।’
राज्यपाल के इस बयान पर खूब किरकिरी हुई। शिवसेना नेता संजय राउत ने सामना में अपने लेख के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि जब मोहम्मद साहब पर नूपुर शर्मा ने बयान दिया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया लेकिन अब जब छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित बयान दिया है तो बीजेपी चुप है। उन्होंने लिखा, ‘यह महाराष्ट्र को कमजोर बनाने की चाल है।’
हाई कोर्ट ने दाखिल की थी पीआईएल
पिछले हफ्ते राज्यपाल को पद से हटाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में एक आपराधिक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर हुई है। दीपक जगदेव ने अपने वकील नितिन सातपुते के जरिए हाई कोर्ट में राज्यपाल के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल विवादित बयान देकर समाज की शांति और सद्भावना को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।