हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता ने रिवाज कायम रखते हुए राज बदल दिया है। यानी, इस बार भी चुनाव में सत्ता बदली है। राज्य की 68 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। ताजा आंकड़ों में कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। कांग्रेस अब तक 38 सीटें जीत चुकी है, जबकि 2 पर आगे है।
भाजपा 18 सीटें जीत चुकी है और 7 पर आगे चल रही है। इसके अलावा 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। वहीं एमसीडी चुनाव में भाजपा को हराने वाली आम आदमी पार्टी पहाड़ में खाता भी नहीं खोल पाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नतीजों के बाद इस्तीफा दे दिया है। इधर, कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुनने के लिए मंथन जारी है।
भाजपा के 5 मंत्री चुनाव हारे
हिमाचल में हर चुनाव में 45 से 75 प्रतिशत मंत्रियों के चुनाव हारने का भी रिकॉर्ड रहा है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 5 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए। इनमें डॉ. रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति सीट से कांग्रेस के रवि ठाकुर से चुनाव हार गए। कांगड़ा जिले की शाहपुर सीट से मंत्री सरवीण चौधरी कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया से चुनाव हार गईं।
शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज शिमला जिले की कसुम्पटी सीट पर कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह से चुनाव हार गए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल सोलन जिले की कसौली सीट से कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी से चुनाव हार गए। वहीं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को मनाली सीट से कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ ने हराया।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन शुरू
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए पार्टी के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शिमला जाएंगे। मुख्यमंत्री के लिए हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर विचार किया जा रहा है। प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और मंडी लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।