जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव के कारण खतरे की जद में आए दो होटलों मलारी और माउंट व्यू के बहुमंजिला भवनों को गिराने का काम आज तीसरे दिन रविवार को भी जारी है। होटलों के ऊपरी मंजिल की चौखटें निकाल ली गई हैं।
दो और होटल झुके
बद्रीनाथ हाईवे हाईवे पर स्थित दो और होटल कामेट लाज व स्नो क्रिस्ट भूधंसाव के कारण झुक गए हैं और इन होटलों को खाली करने का क्रम शुरू हो गया है। बदरीनाथ हाईवे पर कुछ दिन पहले भरी गई दरारें चौड़ी होकर फिर उभर आईं हैं।
प्रभावितों के पुनर्वास को दो विकल्प
जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए राज्य सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है। जिन प्रभावितों के पास सुरक्षित स्थलों पर अपनी भूमि है, उनके लिए वहीं उनकी जरूरत के अनुरूप प्रीफैब्रिकेटेड हट बनाए जाएंगे। इसके अलावा जिन परिवारों के पास भूमि उपलब्ध नहीं है, उनके लिए सरकार स्थायी पुनर्वास होने तक अपनी भूमि पर इसी तरह के हट्स बनाकर देगी।प्रभावितों की सहमति पर ही इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा ने शनिवार को जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।
सोमवार से बनेंगे प्रीफैब्रिकेटड घर
डॉ. सिन्हा के अनुसार कुछ आपदा प्रभावितों ने सुरक्षित स्थल में स्थित अपनी भूमि में प्रीफैब्रिकेटड हट बनाने पर सहमति दी है। इनका निर्माण सोमवार से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे हट का डिजाइन केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की तैयार करेगा। हट्स बनाने के लिए संस्थान के पास चार एजेंसियां नामित हैं। तीन-चार दिन के भीतर ये हट तैयार कर लिए जाते हैं।