हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी है। इस बार सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं पर भगवान आशुतोष की अपार कृपा बरसेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ रही है और परिघ योग एवं शिव योग का विशेष संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों में ही कभी-कभी आता है। इससे पूर्व यह लगभग 255 वर्ष पहले बना था।
स्नान से मिलेगा पुण्य लाभ
सोमवार को पंचाग की भाषा में चंद्रवार कहते हैं। यह दिन भगवान शिव को अति प्रिय है। सोमवती अमावस्या पर पड़ रहे परिघ और शिव योग के विशेष संयोग में स्नान करने से बेहद ही पुण्य लाभ मिलता है। इसलिए श्रद्घालुओं की ओर से सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इस दिन कुछ श्रद्घालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। सोमवार व्रत के साथ यदि गंगा स्नान किया जाए तो व्रत करने का लाखों गुना पुण्य मिलता है। मान्यता है कि परिघ योग शत्रुओं पर विजय दिलाता है।
सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा सोमवती अमावस्या के दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का करने का विधान है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जो स्त्री यह व्रत करने में सक्षम न हो वह केवल पूजा-पाठ करके भी यह विधान को पूर्ण कर सकती है।
साल में एक या दो बार आती है सोमवती अमावस्या
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। यह वर्ष में केवल एक अथवा दो बार ही पड़ती है। सुबह 03:57 बजे से लेकर यह 11:03 बजे तक है। इसके बाद से पूरे दिन शिव योग रहेगा। मान्यता है कि अमावस्या पर गंगा स्नान करने से देवों के देव महादेव की विशेष कृपा बरसेगी। परिघ योग में गंगा स्नान करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। इस योग के स्वामी शनिदेव हैं, जबकि शिव योग भक्ति और साधना के लिए सर्वोत्तम है।
सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान से देवता खुश होते हैं
पुरानी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से देवता खुश होते हैं। इसी के चलते श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान करने के बाद गंगा तट पर स्थित मंदिरों में पूजा अर्चना की तथा भोग लगाया।