नैनीताल हाईकोर्ट ने मुनि की रेती में नगर पालिका द्वारा आवारा पशुओं की देखरेख और भरण पोषण की व्यवस्था नहीं किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार पूर्व में माननीय उच्च न्यायलय ने सभी नगर निकायों को आदेश दिया था कि निकाएं आवारा पशुओं के लिए भोजन व रहने की व्यवस्था करें। लेकिन मूनकीरेती नगर पालिका के द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया। जिसको लेकर देहरादून की दून एनिमल वेल्फेयर संस्थान ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर पालिका उनको सहयोग नहीं कर रही है। जबकि उनके द्वारा कई नगर पालिकाओं के साथ आवारा पशुओं के भोजन रहन सहन का अनुबंध किया हुआ है। नगर पालिका के द्वारा आवारा पशुओं के लिए पर्याप्त चारा तक नहीं दिया जा रहा है। जबकि संस्थान ने कई जगहों पर आवारा पशुओं के लिए बाड़े व चारे की व्यवस्था तक कर रखी है। संस्थान ने कोर्ट से प्राथर्ना की है कि नगर पालिका आवारा पशुओं के लिए उचित व्यवस्था कर उनका सहयोग करें।