उत्तराखंड

देहरादून के त्यूणी में भीषण अग्निकांड से दहला इलाका, चार बच्चियां जिंदा जली

देहरादून। बीते रोज देहरादून के एक घर में हुए अग्निकांड से पूरा इलाका दहल उठा। जिला मुख्यालय देहरादून से 180 किलोमीटर सीमांत त्यूणी गेट बाजार के पास लकड़ी व पत्थर से निर्मित तीन मंजिला भवन में भीषण आग लगने से दर्दनाक हादसा हो गया। मकान में लगी भीषण आग की चपेट में आने से कमरे के अंदर खेल रही चार बालिकाओं की दर्दनाक मौत हो गई।

 

गए रिसाव से लगी आग

आग लगने की वजह मकान के अगले हिस्से में खोले गए ढाबे में गैस रिसाव होना बताया जा रहा है। इस दर्दनाक हादसे में जाक्टा निवासी दंपति की एक पुत्री और तीन अन्य बालिकाएं इनके रिश्तेदारों की बताई जा रही है। मृतक बच्चियों में से दो के शव एसडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू कर बरामद कर लिए। जबकि दो अन्य बालिकाओं के शव तलाशने को सर्च अभियान चल रहा है।

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मौके पर पहुंचे अधिकारी और विधायक

जिलाधिकारी सोनिका, डीआईजी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप कुंवर, एसपी देहात कमलेश उपाध्याय समेत कई अधिकारी त्यूणी पहुंचे और घटनास्थल का मौका मायन किया। वहीं आज शुक्रवार सुबह चॉपर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह अपने गृह क्षेत्र त्यूणी पहुंचे। विधायक प्रीतम सिंह ने घटनास्थल के पास मौजूद गमगीन परिजनों से मुलाकात कर इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख जताया।

 

मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश

जिलाधिकारी सोनिका ने कहा मकान में आग लगने के सही कारणों की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद ही घटना की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को फौरी तौर पर कपड़े व अन्य सामान उपलब्ध कराया गया है। आगजनी की घटना से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

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ग्रामीणों ने किया हंगामा

व‍हीं समय रहते आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम उपलब्ध नहीं होने से गुस्साए क्षेत्रवासियों ने घटना स्थल के पास हाइवे पर गुरुवार को हंगामा काटा और फायर बिग्रेड व पुलिस-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया।

 

लकड़ी और पत्थर का बना था घर

जानकारी के अनुसार सीमांत तहसील से जुड़े मुंधोल निवासी पूर्व शिक्षाधिकारी सूरतराम जोशी का गेट बाजार त्यूणी के पास लकड़ी व पत्थर से निर्मित पहाड़ी शैली में बना तीन मंजिला मकान है। जिसके एक हिस्से में वह स्वयं रहते हैं और दूसरे हिस्से में किराएदार रहते हैं।

 

क्या हुआ था? 

गुरुवार शाम करीब चार बजे ढाबा संचालक पटाला निवासी विक्की चौहान की पत्नी कुसुम कमरे के बाहर वाले हिस्से में खोले गए ढाबे में गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी। इस दौरान गैस में रिसाव होने से आग लग गई। देखते ही देखते आग मकान के कमरे में फैल गई। आग के विकराल होने से अंदर कमरे में खेल रही चार बालिकाएं जिंदा जल गईं।

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मकान में चल रहा था ढाबा

मकान में लगी भीषण आग की चपेट में आने से जाक्टा निवासी किराएदार त्रिलोक सिंह चौहान की 12 वर्षीय पुत्री गुंजन और पटाला निवासी उसके साली की दो पुत्रियां अदिरा उर्फ मिष्टी आयु 6 वर्ष, सेजल उर्फ दीबो आयु 3 वर्ष व विकटाड़ निवासी दूसरी साली की 10 वर्षीय पुत्री रिधि समेत चार बालिकाएं जिंदा जल गईं। इसकी पुष्टि गमगीन स्वजन और उनके रिश्तेदारों ने की है। बताया जा रहा पटाला निवासी कुसुम ने कुछ दिन पहले मकान के अगले कमरे में ढाबा किराए पर लिया था। वह अपने तीन बच्चों के साथ ढ़ाबा चलाने के लिए आई थी। उसके तीनों बच्चे बहन पूनम के कमरे में अंदर खेल रहे थे।

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