आचार्य गुरुदेव रतूड़ी ज्योतिषाचार्य
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. साल में 12 अमावस्या आती हैं. इस दिन किया गया तीर्थ स्नान और दान जीवन के हर कष्ट से मुक्ति दिलाता है. वैशाख माह आरंभ हो चुका है. वैशाख के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या तिथि होती है. चूंकि ये तिथि पितरों को समर्पित है, ऐसे में इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से वैवाहिक जीवन सुखद बनता है, संतान सुख प्राप्त होता है, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की डेट, मुहूर्त और महत्व
20 मार्च को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण यद्यपि भारत में दिखाई नहीं देगा किन्तु इसके तुरंत बाद उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। यह सूर्य ग्रहण मीन राशि में पड़ेगा जो की एक जल तत्त्व की राशि है जिसके प्रभाव से ग्रहण के 3 दिन के भीतर हल्की वर्षा होगी।
वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को है. इस साल अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. वैशाख अमावस्या पर गायत्री मंत्र का जाप, पीपल की पूजा और श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है. इस दिन गंगा, नर्मदा, या पवित्र नदी में स्नान के बाद घाट पर ही दान करने से हर कार्य में आ रही बाधा दूर होती है, सौभाग्य में वृद्घि होती है.
पंचांग के अनुसार वैशाख अमावस्या तिथि की शुरुआत 19 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 20 अप्रैल 2023 को सुबह 09 बजकर 41 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी.
स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 04.23 – सुबह 05.07
वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को है. इस साल अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. वैशाख अमावस्या पर गायत्री मंत्र का जाप, पीपल की पूजा और श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है. इस दिन गंगा, नर्मदा, या पवित्र नदी में स्नान के बाद घाट पर ही दान करने से हर कार्य में आ रही बाधा दूर होती है, सौभाग्य में वृद्घि होती है.
वैशाख अमावस्या महत्व
वैशाख की अमावस्या हिंदू कैलेंडर की पहली अमावस्या कहलाती है. वैशाख अमावस्या पर सत्तू का दान भी दिया जाता है. इस कारण से इसे सतुवाई अमावस्या भी कहा जाता है.इस अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पितरों के नाम से ब्राह्मणों को भोजन कराएं और भोजन में से कुछ भाग कौआ, गाय या कुत्ते को खिला दें. वास्तु और गृहदोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो वैशाख की अमावस्या पर राहगीरों को पानी पिलाएं और पशु-पक्षियों के लिए छायादार वृक्ष पर रहने की व्यवस्था करें।