चमोली में भूस्खलन और भू-धंसाव जैसी में समस्याओं से जूझते 55 गांवों को वर्षों बाद भी आपदा प्रबंधन विभाग के प्रयास का इंतजार है। विभाग की कार्य प्रणाली का आलम यह है कि प्रभावित गांवों के पुनः सर्वेक्षण के लिए एक वर्ष पूर्व जारी आदेशों के बाद जिले में वर्तमान तक 18 गांवों का सर्वेक्षण किया जा सका है, जबकि 37 गांव सर्वेक्षण का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर वर्ष 2021 से पूर्व जिले के 12 गांवों को अत्यधिक संवेदनशील, 21 को अति संवेदनशील और 38 को संवेदनशीत की श्रेणी में रखा गया था। लेकिन गांवों का विस्थापन और पुनर्वास न होने से ग्रामीण दरकते गांवों में सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कुछ गांवों में भूस्खलन और भू- धंसाव की स्थिति सामान्य होने की बात कहते हुए पुनः सर्वेक्षण की बता कही जा रही है। लेकिन सर्वेक्षण कार्य का आलम यह है कि एक वर्ष में जिले के विस्थापन की सूची में छूटे 54 गांवों में से विभाग की ओर से 18 गांवों का सर्वेक्षण कार्य किया गया है। जबकि 37 गांवों का पुनः सर्वेक्षण कार्य भी नहीं हो सका है।
उधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी का कहना है कि चमोली जिले में विस्थापन व पुनर्वास की सूची में शामिल गांवों का पुनः सर्वेक्षण कार्य शासन स्तर से करवाया जा रहा है। जिले में भूमि की अनुपलब्धता के चलते भी विस्थापन और पुनर्वास के कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। जबकि जिले में 17 आपदा प्रभावित गांवों का भूमि उपलब्ध होने के बाद पुनर्वास करवा दिया गया है।