हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में देश-विदेश के श्रद्धालु आस्था और श्रद्धा के साथ गंगा दशहरा मना रहे हैं। गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। इसके साथ ही गंगा घाट श्रद्धालु के हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयघोषों से गुंजायमान है। गंगा घाटों पर चारों ओर बम -बम भोले, जय मां गंगे के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। गंगा मैया के जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ ही श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन और दान पुण्य कर रहे हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजामल
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। 16 जोन, 37 सेक्टर के अलावा मेला क्षेत्र के 4 सुपर जोन भी बनाए गए हैं। डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ता भी तैनात है। गंगा घाटों पर जल पुलिस के गोताखोर भी मुस्तैद दिख रहे हैं। हरकी पैड़ी की प्रबंध कारिणी संस्था श्री गंगा सभा के पदाधिकारी भी व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं।
गंगा दशहरा की मान्यता
हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। इस तिथि को गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है। इस बार गंगा दशहरा 30 मई, 2023 मंगलवार को मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे। इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है।
गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है। गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है, इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है। इसी दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल भी रहेगा। ऐसे में साधक पर मां गंगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी।
गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऎसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है। गंगा दशहरे का फल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं इन सभी से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।