ओडिशा के बालासोर में बीते रोज शुक्रवार शाम को दर्दनाक ट्रेन हादसा हो गया। इस ट्रेन हादसे में अब तक 280 यात्रियों की मौत हो चुकी है। जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने गहरा दुख जताया है। कोंकण रेलवे अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के बालासोर में भयानक ट्रेन दुर्घटना के बाद गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस का समारोह रद्द कर दिया गया है। उधर, यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली (UNGA) ने इस हादसे पर शोक जताया है। UNGA ने कहा है कि रेल हादसे की खबर सुनकर दुख हुआ है।
दो ट्रेनों की हुई आपस में भिड़ंत
दरअसल, शुक्रवार शाम एक पैसेंजर ट्रेन ने दूसरी ट्रेन के पटरी से उतरे डिब्बों को टक्कर मार दी, जिसकी वजह से ये भयानक हादसा हुआ। इस हादसे में एक तीसरी मालगाड़ी भी शामिल थी। इस ट्रेन हादसे को हाल के समय में सबसे खतरनाक ट्रेन हादसों में से एक बताया जा रहा है। हादसे का शिकार हुई ट्रेनें बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी ट्रेन हैं। बता दें कि हादसे का शिकार हुई दोनों यात्री ट्रेनें पूर तरह से भरी हुईं थीं। दोनों ट्रेनों में मिलाकर 3000-4000 लोगों के होने की आशंका है।
ओडिशा में आज राजकीय शोक
ओडिशा के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि बालेश्वर जिले के बहानागा में हुई रेल दुर्घटना के मद्देनजर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक दिन के राजकीय शोक का आदेश दिया है। पूरे राज्य में तीन जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा।
10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान
बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बाद रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। जबकि गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। हादसा कितना भयानक था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पास की दूसरी ट्रेन की कई बोगियां भी पटरी से उतर गईं।
स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल दुर्घटना के संबंध में स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा बालासोर स्टेशन के नजदीक बहानगा बाजार स्टेशन के पास हआ है। हादसे के समय आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) जो कि चेन्नई जा रही थी बहानगा बाजार से 300 मीटर पहले डिरेल हुई। हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का ईंजन मालगाड़ी पर चढ गया। इसके साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की पीछे वाली बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तभी इसी ट्रैक पर तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस (12864) ट्रैक पर पड़ी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से बहुत तेजी से टकराईं।
एक के बाद एक सुनाई दी धमाकों जैसी आवाज
स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने लगातार तेज आवाजें सुनीं। एक के बाद एक तेज धमाके जैसी आवाज सुनकर वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा के ट्रेनें डिरेल पड़ी हुई थीं और सामने स्टील-लोहे व अन्य धातु के बेतरतीब टूटे-फूटे ढेर के अलावा कुछ नहीं था।
बेंगलुरु-हावड़ा के इतने कोच क्षतिग्रस्त
वहीं, ट्रेन सं. 12864 (बेंगलुरू हावड़ा मेल) का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके साथ ही पीछे की ओर का जीएस कोच और दो बोगियां पटरी से उतर कर पलट गईं। वहीं कोच ए1 से इंजन तक की बोगी ट्रैक पर रहीं। इस ट्रेन हादसे की जांच ए.एम. चौधरी (सीआरएस/एसई सर्किल) करेंगे। उन्हें शनिवार भोर में ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एक झटका लगा और कई लोग छिटक गए बाहर
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेरहामपुर निवासी पीयूष पोद्दार इस हादसे में बचे कुछ खुशनसीब लोगों में शामिल हैं, जो बच गए। वह बताते हैं कि कोरोमंडल एक्सप्रेस से वह तमिलनाडु जा रहे थे। जब यह हादसा हुआ उसे याद करते हुए वह कहते हैं, ‘हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन की बोगी को एक तरफ मुड़ते देखा। कोच तेजी से पटरी से उतरने लगे और एक झटके के साथ हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर फेंका गए। हम रेंग कर किसी तरह बाहर निकले, लेकिन हमारे आस-पास चारों तरफ शव पड़े हुए थे।