देश में CBSE के साथ ही अन्य बोर्ड की परीक्षाएं साल भर में एक बार आयोजित की जाती हैं। लेकिन अब यह एक इतिहास हो जाएगा। क्योंकि अब बोर्ड परीक्षाएं साल भर में दो बार होंगी। दरअसल, यूनियन एजूकेशन मिनिस्ट्री ने स्कूल एजूकेशन में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए एक न्यू करीकुलम फ्रेमवर्क लॉन्च किया। मिनिस्ट्री ने स्कूल एजूकेशन के लिए नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क के शुभारंभ को नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के इंप्लीमेंटेशन की दिशा में एक “महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी कदम” करार दिया।
इसके तहत स्टूडेंट को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए समय और अवसर सुनिश्चित करने के लिए साल में कम से कम दो बार बोर्ड एग्जाम कराए जाएंगे। इसके लागू होने के बाद स्टूडेंट उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिनके लिए वे तैयार महसूस करते हैं। उन्हें बेस्ट स्कोर बनाए रखने की भी परमीशन दी जाएगी।
इसके अलावा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों को अब दो भाषाएं पढ़नी होंगी। जिसमें से एक भारतीय भाषा होगी. ऐसा भारत की सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। साथ ही नए करिकुलम के तहत छात्रों को उनकी समझ और योग्यता के आधार पर परखा जाएगा, न कि कोचिंग और किसी सब्जेक्ट को रटने के आधार पर इसके अलावा छात्रों की प्रैक्टिकल स्किल्स भी डेवलप की जाएंगी।
आपको बता दें कि इसमें सबसे खास बात यहा होगी कि नए करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत छात्रों के पास अलग-अलग सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी। आर्ट्स, कॉमर्स, और साइंस स्ट्रीम किसी भी छात्र को उसी स्ट्रीम के सब्जेक्ट लेने के लिए मजबूर नहीं करेगी। माने अगर आर्ट्स स्ट्रीम का कोई छात्र मैथ्स और फिजिक्स पढ़ना चाहता है तो वो पढ़ सकता है. साथी ही साइंस स्ट्रीम के छात्र अकाउंट्स और इकोनॉमिक्स जैसे सब्जेक्ट्स पढ़ सकेंगे साथ ही 2024 एकेडमिक सेशन के लिए टेक्स्ट बुक अपडेट की जाएंगी।
बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी, ये भी होंगे बदलाव; पढें
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