उत्तराखंड

उत्तराखंड बना यह मॉडल लागू करने वाला पहला राज्य, सीएम धामी ने छात्रों को दी इन योजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण करने के साथ ही राज्य के 141 पी.एम. विद्यालयों एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ भी किया। उन्होंने एन.डी.ए एवं आई.एम.ए में चयनित कैडेट को पुरस्कार की धनराशि भी प्रदान की।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के विद्या समीक्षा केन्द्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखण्ड है। जिसमें अभी 05 हजार स्कूल जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों की प्रतिदिन की उपस्थिति का पता चलेगा। दीक्षा टीवी एवं इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी। राज्य के सभी डायट को जोड़ने एवं शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने की व्यवस्था इसमें बनाई जा रही है।

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मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना के ये है लाभ
इस योजना के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं में पढ़ रहे छात्रों को लाभ प्रदान किया जाएगा। Mukhyamantri Medhavi Chhatr Protsahan chhatravriti Yojana 2023 के तहत कक्षा छह के पात्र विद्यार्थियों को एक साल तक 600 रूपये प्रतिमाह, कक्षा सात के पात्र विद्यार्थियों को अधिकतम एक साल तक 700 रूपये प्रतिमाह और कक्षा आठ के पात्र विद्यार्थियों को अधिकतम एक साल तक 800 रूपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
राज्य के छात्र एवं छात्राएं दोनों को ही इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए स्कॉलरशिप अमाउंट भेज दी जाएगी।
यह योजना राज्य में सरकारी स्कूलों में छात्रों की ड्रॉपआउट की समस्या पर रोकथाम लगाने के लिए उपयोगी साबित होगी।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र विद्यालय, छात्रों एवं अध्यापकों से संबंधित सभी आंकड़ों को रियल टाइम आधार पर संकलित करेगा तथा छात्र आंकलन के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र का उपयोग शीघ्र ही शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मानव संसाधन पोर्टल, विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के ऑनलाइन रख-रखाव, ऑनलाइन स्थानान्तरण, ऑनलाइन नियुक्ति, ऑनलाइन मॉनीटरिंग आदि के लिए भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में से है, जहां केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर प्रारम्भ की गई योजनाओं को जनहित में सबसे पहले क्रियान्वित किया जाता है।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का शुभारंभ उत्तराखण्ड ने सबसे पहले किया। उन्होंने कहा कि पीएम  योजना के तहत राज्य में 141 स्कूल इस योजना के अन्तर्गत विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 72 करोड़ की धनराशि स्वीकृत भी की गई है। इस सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, भारत सरकार के अपर शिक्षा सचिव विपिन कुमार, उच्च शिक्षा सचिव  शैलेश बगोली, विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी भी उपस्थित रहे।

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