सीएम धामी सरकार का नगर निगम-निकायों पर बड़ा फैसला
सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नगर निगम और निकायों पर बड़ा फैसला लिया है। निकायों के वर्तमान बोर्ड की पहली बैठक पांच साल पहले दो दिसंबर को आयोजित हुई थी, इस बार फिर चुनाव समय पर नहीं होना कारण है।
पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नगर निगम और निकायों के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। अब से, उत्तराखंड में नगर निगमों की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और अन्य निकायों के कार्यकारी अधिकारी, जो एसडीएम रैंक के होंगे, द्वारा संभाली जाएगी। इस प्रशासकीय पद की नियुक्ति की अवधि छह महीने के लिए होगी।
निकायों के वर्तमान बोर्ड की पहली बैठक पांच साल पहले दो दिसंबर को आयोजित हुई थी, इस बार फिर चुनाव समय पर नहीं होने के कारण शहरी विकास विभाग आगामी एक दिसंबर को निकायों में प्रशासक की नियुक्ति करने की तैयारी कर रहा है।
नगर निगम की जिम्मेदारी अब जिलाधिकारी के पास होगी, जबकि नगर पालिका और नगर पंचायतों की जिम्मेदारी एसडीएम स्तर के अधिकारियों को सौंपी जाएगी। इस निर्णय के अनुसार, 84 निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति होगी, जबकि बाजपुर नगर पालिका का कार्यकाल जुलाई और रुड़की नगर निगम का कार्यकाल अगले साल नवंबर तक शेष होने के कारण, यहां निर्वाचित बोर्ड काम करता रहेगा। रुड़की में मेयर का पद रिक्त है, जिसमें पहले ही जिलाधिकारी को प्रशासनिक कार्य में नियुक्ति मिली है। इसके अलावा, अन्य नवगठित निकायों में पहले से ही प्रशासक काम कर रहे हैं।
ओबीसी रिपोर्ट दिसंबर अंत तक निकाय चुनावों की दिशा में काम करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट का काम शुरू कर चुका है। इसके बाद सरकार के स्तर पर निकायों में आरक्षण का निर्धारण होना है, इसके लिए सरकार को सबसे अहम ओबीसी आरक्षण के लिए, एकल सदस्यीय बीएस वर्मा आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है। आयोग दिसंबर अंत तक रिपोर्ट दे सकता है।
इसके बाद ही वार्ड स्तर का आरक्षण जिलाधिकारी और मेयर, अध्यक्ष स्तर का आरक्षण निदेशालय के स्तर से फाइनल हो पाएगा। हालांकि निकायों में नए बोर्ड का गठन अब लोकसभा चुनाव से पहले संभव नजर नहीं आ रहा है। हालांकि यदि दो जून तक चुनाव नहीं कराए गए तो फिर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल और छह माह के लिए बढ़ाना पड़ सकता है।