दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने दुनियाभर में तनाव एक बार फिर पैदा कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका सहित चार देशों में कोरोना वायरस का नया स्वरूप आने के बाद भारतीय वैज्ञानिकों की चिंता तेजी से बढ़ गई है। हालांकि अभी तक इस मिश्रण के कोई साक्ष्य सामने नहीं आए हैं, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारत में नया स्वरूप प्रवेश नहीं करना चाहिए। नई दिल्ली स्थित काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया का कहना है कि पहली बार वायरस में 32 बार म्यूटेशन हुआ है। वायरस की स्पाइक संरचना में ही सबसे अधिक बदलाव हुए हैं और उन्हीं की वजह से ब्रेक थ्रू इन्फेक्शन (वैक्सीन लेने या दोबारा संक्रमित होना) के मामले दर्ज किए जाते हैं।
डॉ. स्कारिया का कहना है कि अब वेट एंड वॉच का समय जा चुका है। इस समय एक्ट (कार्य) का वक्त है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। वैक्सीन और जन स्वास्थ्य से जुड़े उपायों को तत्काल पूरी सतर्कता के साथ शुरू करना जरूरी है। हालांकि इस वेरिएंट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए कुछ दिन का इंतजार करना होगा। दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों के वैज्ञानिक भी इसके अध्ययन में जुटे हैं। इस नए वेरिएंट और इसके खतरे को देखते हुए तमाम देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें कोरोना के नए वेरिएंट वाले देशों- दक्षिण अफ्रीका, यूरोप, हांकांग से फ्लाइट्स लगातार भारत आ रही हैं। वहीं आज डीजीसीए इस मामले पर बैठक करेगा जिसमें वो नए वेरिएंट वाले देशों से फ्लाइट्स पर बैन या 14 दिन के क्वारंटीन करने पर फैसला कर सकता है।
इन देशों ने भी लगाया दक्षिण अफ्रिका पर प्रतिबंध
बता दें कोरोना के नए वेरिएंट ने पूरी दुनिया को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। तमाम देश अभी तक दक्षिण अफ्रीका पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ऐसे देशों में इटली, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, जापान, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, नीदरलैंड, माल्टा, मलेशिया, मोरक्को, फिलीपींस, दुबई, जॉर्डन, अमेरिका, कनाडा और तुर्की शामिल हैं।
टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला नया वेरिएंट
कोरोना वायरस का यह स्वरूप पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला है। इस नए स्वरूप के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायरस के नए स्वरूपों की संख्या बढ़ सकती है जो टीके के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं और उनके प्रसार की दर और अधिक हो सकती है। इससे कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले मामलों में वृद्धि हो सकती है।
ओमिक्रॉन कहा जाएगा कोरोना के नए वेरिएंट को
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन का नाम दिया है। साथ ही इसे ‘वेरिएंट ऑफ कन्सर्न’ श्रेणी में रखा गया है। यानी इसका मतलब ये हुआ कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार को लेकर चिंता जताई गई है और आने वाले दिनों में इस पर खास नज़र रखी जाएगी। बता दें कि कोरोना का ये नया वेरिएंट 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में मिला था। वहीं हाल के दिनों में बोत्सवाना, बेल्जियम, हॉन्गकॉन्ग और इजराइल सहित कुल पांच देशों में इसकी पहचान की गई है। बता दें कि कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में हड़कंप मच गया है। ब्रिटेन सहित कई देशों ने साउथ अफ्रीका से आने वाली फ्लाइट्स पर पाबंदियां लगा दी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का ये नया वेरिएंट तेजी से फैल सकता है।