उत्तराखंड

गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में पहली बार हुई महिला कुलपति की ताजपोशी, इन्हें मिली जिम्मेदारी।।।।


हरिद्वार : गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में नई कुलपति की नियुक्ति हुई है।  प्रोफ़ेसर की वरिष्टता क्रम में प्रोफ़ेसर हेमलता के. को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के नियमानुसार कुलपति बनाया गया है। उन्हें कार्यवाहक कुलसचिव प्रो० डी०एस० मलिक ने पदभार ग्रहण कराया है।
कुलसचिव प्रो डी०एस० मलिक ने बताया की स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में पहली बार एक महिला कुलपति की ताजपोशी हुई है। मूल रूप से दक्षिण भारत के मददुरई की रहने वाली प्रोफेसर हेमलता के. ने साल 1997 में गुरूकुल कांगड़ी से पीएचडी की उपाधि हासिल की थी। कन्या गुरूकुल महाविद्वालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर के तौर पर हेमलता ने कई दशकों तक कार्य किया। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर हेमलता की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के अनुरूप वरिष्ठता क्रम में हुई है। जब तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति नही होती तब तक कुलपति पद के तमाम दायित्वों का निर्वहन प्रोफेसर हेमलता बतौर कुलपति के रूप में करेंगी।
आई०क्यू०ए०सी० के निदेशक  प्रोफ़ेसर विवेक कुमार ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर हेमलता भारत सरकार के नियमों व आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप गुरूकुल कांगड़ी की तमाम व्यवस्थाओं को अनवरत जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून कन्या गुरूकुल में अंग्रेजी विभाग प्रमुख के पद पर कार्य किया। दक्षिण भारत के मददुरई में यूजी, चेन्नई में पीजी करने के बाद गुरूकुल कांगड़ी से पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने बताया कि साल 1983 में उत्तर प्रदेश के समय ही यहां आ गई थी। तभी से उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी है। समविश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी प्रो देवेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि समविश्वविद्यालय में महिला कुलपति बनने से एक सकारात्मक सोच पल्लवित हो रही है। आज समविश्वविद्यालय में महिला उत्थान के लिए प्रो हेमलता के. प्रथम महिला कुलपति बनने  से आर्य समाज के द्वारा स्थापित गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय को एक नया आयाम मिला है।
शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रो प्रभात कुमार व् शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज और महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने प्रो हेमलता के. को कुलपति बनने पर बधाई देते हुए कहा कि आर्य समाज के इतिहास में महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने जगह-जगह पर आर्य समाज की पाठशाला और शिक्षण संस्थान को खोला था| गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग के मुख्य अधिष्ठाता डॉ दीनानाथ ने कहा कि आज प्रो हेमलता के. कुलपति बनने से महिला जगत में एक नया इतिहास रचा जा रहा है| उनके पदभार ग्रहण करने के साथ गुरूकुल कांगड़ी परिसर में भी एक उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है। भारत  सरकार   के शिक्षा  मंत्रालय  का आभार  व्यक्त  किया  है |
बता दें कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की  स्थापना १९०२ में  स्वामी श्रध्दानन्द  ने  कांगड़ी  गाँव  में  की थी। गुरुकुल कांगड़ी  विश्वविद्यालय  को १९६२  में  भारत सरकार  द्वारा  डीम्ड विश्वविद्यालय  का दर्जा  दिया गया था| अभी  तक समविश्वविद्यालय  में  कुलपति  पद पर पुरुष  ही आसीन  हुए है ।
प्रोफ़ेसर  हेमलता  के को  महिला  कुलपति  प्रथम  अवसर  मिला  है  जो इतिहास  के  पन्नों में अंकित होगा |प्रोफ़ेसर हेमलता के   मूल रूप से दक्षिण भारत के मददुरई की रहने वाली  है  उनकी  स्नातक की  शिक्षा – दीक्षा   मददुरई  में और  चेन्नई  से अंग्रेजी  में एमए  किया था   और  प्रोफेसर हेमलता के. ने साल 1997 में में   गुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय  हरिद्वार  के  अंग्रेजी  विभाग  के प्रो  नारायण शर्मा  के निर्देशन  से पीएचडी की उपाधि हासिल की थी और पन्द्रह सालों  से  प्रोफ़ेसर  के पद पर  कार्य  कर रही है ।
 प्रोफ़ेसर हेमलता की पारिवारिक स्थिति शिक्षा  जगत  से जुडी हुयी है  उनके  पति शिव कुमार  भारत सरकार  में  वैज्ञानिक पद  से सेवानिवृत्त हो  चुके है   साथ  ही  भारत  सरकार  में  बड़ा  बेटा  वैज्ञानिक   और  दूसरा  पुत्र अभियंता  के पद पर कार्यरत है। उन्होंने  बताया कि  गुरुकुल  का  उत्थान  सभी  महिलाएं  मिलकर  करेंगी। आधुनिक  समय  में पुरुष  और महिला एक – दूसरे के  पूरक  है।
इस अवसर पर सेवानिवृत्ति प्रोफ़ेसर  सुचिता  मलिक , प्रो  नमिता जोशी ,बिंदु  अरोरा , डॉ मंजूषा  कौशिक , डॉ सुलेखा  राणा ,प्रो एल पी पुरोहित, प्रो राकेश कुमार, प्रो नवनीत, प्रो मुकेश कुमार, डॉ चिरंजीव बेनर्जी, डॉ अजय मलिक, डॉ अजेन्द्र, डॉ पंकज कौशिक, डॉ हिमांशु गुप्ता, डॉ हरेन्द्र, शशिकांत शर्मा, कुलदीप, वीरेन्द्र पटवाल, ओमवीर, हेमंत सिंह नेगी, कुलभूषण शर्मा, डॉ रोशन लाल, अरुण पाल, सुशील रौतेला, संजीव मिश्र डॉ गौरव सिंह भिंडर आदि अन्य कर्मचारी उपस्थित है।
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