दिल्लीः देशभर में इस वर्ष मार्च में ही प्रचंड गर्मी पड़ने लगी है। ठंड के बाद आने वाले बंसत के मौसम का एहसास ही नहीं हुआ प्रचंड गर्मी ने बंसत के सुहाने मौसम को कहीं गुम कर दिया। मार्च महीने में देश के सभी मैदानी इलाकों में शहरों का तापमान 40 डिग्री के पार हो गया। इस प्रचंड गर्मी के चलते लोग घरों में ही दुबके रहे। तो वहीं पहाड़ी राज्यों में गर्मी पड़ने लगी है। अप्रैल शुरू ही हुआ है,लेकिन गर्मी ने 70 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐसे में राहत भरी खबर इस हफ्ते पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी की संभावना है।
मैदानी इलाकों में अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। मौसम में यह बदलाव हवाओं का रुख गरम होने की वजह से बताया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम, मध्य और पश्चिमी भारत में अगले 4-5 दिन लू का प्रकोप रहेगा। गुरुवार को अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। न्यूनतम तापमान 16 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 315 पर पहुंच गया है। लगातार मेरठ का एक्यूआई बढ़ता जा रहा है। समय से पहले लू चलने से किसान परेशान हो गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका सीधा असर गेहूं की फसल पर दिखाई देगा।
हालांकि ऐसे में राहतभरी खबर आ रही है। देश में इस गर्मी के लिए पाकिस्तान व थार से आने वाली गर्म हवाएं जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अप्रैल के पहले हफ्ते तक पश्चिम विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश होती है, लेकिन इस बार मौसम सूखा रहा। पूरे मार्च महीने में उत्तर भारत में एक भी दिन बारिश नहीं हुई। हालांकि, पहाड़ों पर एक दो विक्षोभ आए लेकिन वह बहुत कमजोर साबित हुए। पाकिस्तान और थार मरुस्थल से आ रही गर्म हवा और शुष्क मौसम के चलते भारत में तापमान का रिकार्ड टूटा है।