बीते दो साल में सिनेमा जगत को लगातार क्षति हो रही है। मशहूर स्वर कोकिला लता मंगेश्कर के निधन से हिंदी सिनेमाजगत अभी उभरा ही था की मशहूर गीतकार माया गोविंद ने 82 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। माया गोविंद ने गुरुवार सुबह अपने आवास पर बेटे अजय की गोद में अंतिम सांस ली। माया ने 350 से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने लिखे थे।
बता दें कि 17 जनवरी 1940 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मीं माया गोविंद ने स्नातक की शिक्षा के बाद बीएड किया था। इसके साथ ही उन्होंने कथक में महारत हासिल कर रखी थी। मशहूर गीतकार माया गोविंद का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को सुबह 9.30 बजे को निधन हो गया है। वे 82 साल की थीं और बीते दो सालों से बीमार चल रही थीं। इसी साल जनवरी में उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज मुंबई के विले पार्ले वेस्ट स्थित पवन हंस श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार होगा।
माया गोविंद ने अपने अब तक के करियर में करीब 350 फिल्मों में गाने लिखे. माया गोविंद को पहला ब्रेक निर्माता निर्देशक आत्मा राम ने अपनी फिल्म ‘आरोप’ में दिया था. जिसमें माया ने साबित कर दिया था कि वो लिरिक्स के मामले में बाकियों से काफी अलग हैं. 1979 में ‘सावन को आने दो’ फिल्म के ‘कजरे की बाती’ ने माया गोविंद को पहचान दिलाई थी। माया गोविंद ने ‘बावरी’, ‘दलाल’, ‘गज गामिनी’, ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ और ‘हफ्ता वसूली’ जैसी फिल्मों में गाने लिखे हैं।