Uncategorized

आगाज:SGRRU के शिक्षक और छात्र शुरु कर सकेंगे स्टार्टअप

देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग उत्तराखंड द्वारा संयुक्त रूप से उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें छात्र-छात्राओं को उद्यमिता अपनाने संबंधी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से सफल उद्यमियों की एक फिल्म भी छात्रों को दिखाई गई।
कार्यक्रम की सफलता के लिए विश्वविद्यालय के प्रेजिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के इनोवेशन एडं इनक्यूबेशन सेंटर (आईआईसी) के निदेशक प्रो. द्वारिका प्रसाद मैठाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं छात्रों में उद्यमिता विकास हेतु सहयोग कर रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यशबीर दीवान और कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूरी का हर तरह से आगे बढ़ने के कार्यक्रमों में समर्थन रहता है। विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र मिलकर कोई भी स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। इसके लिए पालिसी बन गई है। उन्होंने बाताया कि विश्वविद्यालय में 10 इंटरप्रिनोयर एमएसएमई के तहत रजिस्टर हुए हैं एवं 5 छात्रों को यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिले हैं। यही नहीं स्टार्टअप एवं आईपीआर के तहत आईआईसी काफी कार्य कर रहा है।

अब तक विश्वविद्यालय में दो साल के अंदर 19 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे खादी और ग्रामोद्योग आयोग उत्तराखण्ड के निदेशक डॉ. संजीव राय ने बताया कि आयोग युवाओं को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रशिक्षण दे रहा है। इसमें कई तरह की सब्सिडियां भी हैं। इसमें खादी विकास योजना, ग्रामोद्योग विकास योजना

एवं अन्य योजनाओं के तहत कई कार्यक्रम शामिल हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षक भी कई योजनाओं के तहत प्रोजेक्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। उन्होंने उद्यमियों के विकास के लिए उपलब्ध ऋण सुविधाओं और आवेदन की प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेजों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो गीता रावत ने छात्रों को सबोंधित करते हुए कहा कि ग्राम उद्योग एवं कुटीर उद्योग इस देश की आर्थिक प्रक्रियाओं की एक मजबूत आधार शिला रही हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से छात्र कई प्रकार के रोजगार शुर कर सकते हैं। विश्वविद्यालय हर स्तर पर छात्रों को सहयोग कर रहा है।

बीरेडी हार्वेस्टिंग के फाऊंडर शुभम राणा ने अपनी सफलता की कहानी से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन में बहुत अधिक अवसर छिपे हुए हैं छात्र घर में ना बैठकर इस प्रकार के व्यवसाय करके अपनी आजीविका चला सकते हैं।
कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर पूजा जैन रहीं, कार्यक्रम में छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई।

मौके पर प्रो. आशीष कुलश्रेष्ठ, प्रो. प्रीति तिवारी, डॉ प्रिया पांडे, डॉ. अनुजा रोहिल्ला, डॉ गरिमा सिंह, डॉ. गरिमा डिमरी, ड़ॉ. सुनील किस्टवाल, डॉ. अमरलता डॉ. कल्पना थपलियाल, डॉ. मनबीर सिंह नेगी, डा. अमरजीत चौहान, डॉ. गरिमा सिंह, डॉ. एमजीआग्रवाल, मनोज जगूड़ी, मनीष, अंजली आदि शिक्षक उपास्थित रहे।

Most Popular

To Top