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उपलब्धि:गढ़वाल की संस्कृति को संजोने का कर रहे काम,डॉ. पुरोहित को मिला गढ़रत्न सम्मान

देश। मुंबई राजभवन में गढ़वाल भ्रातृ मण्डल द्वारा आयोजित समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (Governor Shri Bhagat Singh Koshyari) ने लोककर्मी केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर में लोक संस्कृति एवं कला निष्पादन केंद्र (Folk Culture and Performing Arts Center Central Garhwal University) के संस्थापक निदेशक डॉ. दाताराम पुरोहित (Dr. Dataram Purohit) को गढ़रत्न प्रदान कर सम्मानित किया। इसी के साथ मण्डल ने मुंबई के 30 समाज सेवियों को भी सम्मानित किया।

मण्डल के अध्यक्ष रमण मोहन कुकरेती ने सभी का स्वागत करते हुए मण्डल की उपलब्धियों को मौखिक प्रस्तुत किया, जबकि डा. राजेश्वर उनियाल ने मंच संचालन करते हुए डॉ. पुरोहित के उत्तराखंडी लोक संस्कृति के संवर्धन में किए जा रहे उनके प्रयासों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। समारोह का शुभांरभ मांगल गान से किया गया।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने उद्धबोधन में कहा कि मुंबई में उत्तराखंडी लोगों ने अपने परिश्रम के बल पर ना केवल अपने घर परिवार को ही सम्पन्न किया है, बल्कि उन्होंने मुंबई के जीवन को पूर्णतः आत्मसात करते हुए यहां उत्तराखंडी संस्कृति को भी जीवंत रखा। इतना ही नहीं, वर्तमान में मुंबई में प्रवासी उत्तराखंडी समाज की पहचान एक समृद्ध और सुसंस्कृत समाज के रूप में हो रही है और उत्तराखंडी समाज की इमानदारी के सभी भारतवासी कायल हैं।

गढ़रत्न डॉ. दाताराम पुरोहित के साथ ही स्व. अर्जुन सिंह गुसाईं, स्व .प्रोफेसर राधा बल्लभ डोभाल जैसे तीस विशिष्ट जनों को भी उत्तराखंडी समाज सेवा सम्मान प्रदान किया गया। राजभवन मीडिया कोर्डिनेटर संजय बलोदी प्रखर के अनुसार गढ़वाल भ्रातृ मंडल की रणनीति के तहत भविष्य में अपना विस्तार करते हुए उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों में भी अपने कार्यों से प्रवासी बंधुओं व राष्ट्र की सेवा करता रहेगा। इस कार्यक्रम में उद्योग, साहित्य, समाज व कला जगत से सबंधित लोगों सहित कई नामचीन व गणमान्य उत्तराखंडी महानुभाव शामिल हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोज द्वेवेदी (महासचिव) व मोर सिंह नेगी की विशेष भूमिका रही।

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