ऋषिकेश: तीर्थ नगरी के युवा नशे की दलदल में फंसते जा रहे है।शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण वार्डो में भी गली में मौत का सामान तिल्ले के माल के रूप में सपलाई हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए निगम पार्षदों ने अपनी आवाज बुंलद की है। इससे पूर्व बोर्ड की बैठक में भी तीर्थ नगरी में नशे के कारोबार का मामला जोरशोर से गूंजा था।
बुधवार की दोपहर पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महापौर अनिता ममगाई से मुलाकात कर देवभूमि ऋषिकेश में पुलिस की निष्क्रियता के चलते तेजी से पनप रहे नशे के कारोबार पर चिंता जताई। पार्षदों ने महापौर को बताया कि नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट से लेकर शहर की तमाम मलिन बस्तियों और यहां तक की निगम के ग्रामीण क्षेत्र के वार्डों की गलियों में भी नशे के सौदागर युवाओं को नशे की पुड़िया बना बनाकर सप्लाई कर रहे हैं।
बड़े पैमाने पर नशे का गौरख धंधा चलने के बावजूद पुलिस प्रशासन निष्क्रिय नजर आ रहा है जोकि बेहद हेरत अंगेज है। नगर क्षेत्र में नशे के कारोबार के अपराधियों के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता पर गहरा रोष जताते हुए पार्षदों ने महापौर से मांग की । कि इस गंभीर समस्या पर महकमे के उच्च अधिकारियों को जानकारी देकर कारवाई सुनिश्चित कराएं ताकि तीर्थ नगरी के युवाओं को नशे के दलदल में फंसने से बचाया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल की बाते गौर से सुनने के प्रश्चात महापौर ने उन्हें आश्वस्त किया कि
पुलिस तंत्र को हाथ पर हाथ धरे बैठा रहने नही दिया जायेगा। उन्होंने कहा ‘नशा एक सामाजिक समस्या है जिसे पुुलिस प्रशासन की सक्रियता और लोगों की भागीदारी के साथ ही रोका जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में पार्षद प्रियंका यादव, सुजीत यादव, विजय बडोनी,मनीष बनवाल, लव कंबोज, विजय जुगरान, राजीव गुप्ता, रंजन अंथवाल आदि शामिल थे।