उत्तराखंड

एम्स ऋषिकेश का दीक्षांत समारोह: 434 को उपाधि, 10 चमकते सितारों को गोल्ड मेडल

ऋषिकेश। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर मेडिकल के 10 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान कर उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा। इस मौके पर उन्होंने मेडिकल के विद्यार्थियों से कहा कि देश के विकास में चिकित्सकों की अहम भूमिका होती है, लिहाजा उन्हें अपना अनुभव समाज व देश की सेवा में लगाना चाहिए।
मंगलवार को एम्स,ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे विशेष प्रयासों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अटलबिहारी  वाजपेई
के प्रधानमंत्री बनने के बाद देशभर में एम्स संस्थानों से गति पकड़नी शुरू की। ऋषिकेश एम्स भी अटल जी के द्वारा स्थापित किए हुए  उन छह एम्स में से एक संस्थान है। मोदीजी के कुशल नेतृत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि  मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अब तक 16 एम्स देशवासियों की चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने जिक्र किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की नीतियों की बदौलत वर्तमान में देशभर में 1 लाख 75 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से लोग स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। बताया कि बीते दस वर्षों में देशभर में 780 मेडिकल कॉलेज स्थापित कर लाखों छात्र मेडिकल चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैं।
नड्डा ने एम्स ऋषिकेश द्वारा उपलब्ध कराई जा रही टेलिमेडिशन , हेली एंबुलेंस, सुपरस्पेशलिटी सर्विस की सराहना की और कहा कि संस्थान की निदेशक प्रो. मीनू सिंह की अगुवाई में एम्स ऋषिकेश बेहतर व उपलब्धिपूर्ण कार्य कर रहा है, लिहाजा संस्थान की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदौलत अन्य संस्थानों की तुलना में देशभर में विशेष पहचान है । उन्होंने कहा कि बीती आधी सदी में देश के पास एक एम्स था, मगर अटल बिहारी के प्रधानमंत्रित्व काल में देश में छह एम्स स्थापित हुए और नरेंद्र मोदी के दस वर्ष के कार्यकाल में अब तक 16 संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान देश में आयुष्मान भारत जैसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरुआत हुई, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कहा कि एम्स ऋषिकेश रोबोटिक सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हेली एंबुलेंस जैसी विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है, जो कि समुचे राज्य के मरीजों के लिए लाभकारी है।
सीएम ने बताया कि उत्तराखंड में पांच हजार से अधिक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त कर दिया गया है।  मुख्यमंत्री ने बताया कि  आयुष्मान योजना के अंतर्गत राज्य सरकार अब तक उत्तराखंड में 14 लाख से अधिक मरीजों का उपचार करा चुकी है।
इससे पूर्व संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने एम्स संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्थान वर्तमान में 200 आईसीयू बेड के साथ अस्पताल सेवाओं के अंतर्गत 103 स्पेशल क्लिनिक, चार दर्जन से अधिक विभागों की ओपीडी सेवाएं संचालित कर रहा है।
निदेशक ने जिक्र किया कि संस्थान अब तक 1 लाख 38 हजार सर्जरी कर चुका है और स्थापनाकाल से अब तक संस्थान में 9 लाख से अधिक रोगियों को स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं।
इस दौरान निदेशक एम्स ने नवोदित चिकित्सकों से आह्वान किया कि चिकित्सकीय पेशा सेवाभाव का पेशा है, लिहाजा प्रत्येक रोगी का जीवन बचाना इसका प्रथम लक्ष्य है।

यह भी पढ़ें 👉  सम्मान:स्वच्छता के सिपाहियों को मिला सम्मान,चेहरे खिले खुशी से

कार्यक्रम को संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नन्दी व डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। समारोह के दौरान यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी तथा एलाइड साइंस 434 छात्र- छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं।

यह भी पढ़ें 👉  अंबेडकर जयंती पर देवभूमि ऋषिकेश के खिलाड़ियों का अद्भुत समर्पण: दुग्धाभिषेक कर चलाया स्वच्छता अभियान

-434 विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियां
दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एमबीबीएस के 98, बीएससी ऑनर्स नर्सिंग के 95, बीएससी एलाईड हेल्थ सांईस के 54, एमडी/एमएस/एमडीएस के 109, एमएससी नर्सिंग के 17, एमएससी मेडिकल एलाईड के 1, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के 12, डीएम/एमसीएच के 40 और पीएचडी के कुल 8 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयीं।

यह भी पढ़ें 👉  लाभ:गैवाली गांव में भव्य स्वास्थ्य शिविर,180 से अधिक ग्रामीणों ने उठाया लाभ

1- स्वर्ण पदक
डा. हैदा आयुष अजय कुमार, 2021 बैच एमसीएच
डॉ. रिद्मा बहल, 2022 बैच एमसीएच
डॉ. इप्शिता साहू, 2021 बैच एमसीएच
डॉ. आंकाक्षा विजय व्यास, 2022 बैच एमडीएस
डॉ. कशिश, 2018 बैच एमबीबीएस
डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस
डॉ. रिशिता, 2028 बैच एमबीबीएस
डॉ. संचित गुप्ता, 2018 एमबीबीएस
वर्षा शर्मा, 2022 बैच एमएससी नर्सिंग
पारूल पाल, 2020 बैच बीएससी नर्सिंग

2- सिल्वर पदक
डॉ. मोमिता
3- कांस्य पदक
डॉ. अदिति, 2018 बैच एमबीबीएस

The Latest

To Top