पिथौरागढ़। 4 मई से आदि कैलाश यात्रा की शुरूवात हो चुकी है। लेकिन आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य होने से श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क निर्माण कार्य के चलते भू-स्खलन के कारण यात्रा मार्ग बाधित होने से यात्रा बार-बार प्रभावित हो रही है।
बता दें कि पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला से आगे आदि कैलाश को सुचारू बनाये रखने के उदेश्य से जिलाधिकारी रीना जोशी ने सड़क निर्माण कार्य करने वाली कार्यदायी संस्था बीआरओ के अधिकारियों सहित कुमाऊं मंडल विकास निगम, उप जिलाधिकारी धारचूला व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में एक आवश्यक बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने आदि कैलाश यात्रा को सुचारू बनाये रखने के संबंध में विस्तृत चर्चा की। साथ ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि सप्ताह में लगातार 3 दिन आदि कैलाश यात्रा जारी रखी जायेगी, जबकि सप्ताह में लगातार 4 दिन बीआरओ द्वारा सड़क निर्माण कार्य किया जायेगा।
सड़क निर्माण के लिए सप्ताह के निर्धारित 4 दिनों में आदि कैलाश यात्रा नहीं चलेगी जबकि आदि कैलाश यात्रा के लिए सप्ताह में निर्धारित 3 दिनों में बीआरओ द्वारा कुछ सड़क निर्माण कार्य जारी रखा जायेगा। लेकिन यात्रा के लिए निर्धारित 3 दिनों में सड़क मार्ग को सुचारू भी रखा जायेगा ताकि आदि कैलाश यात्रा बाधित न होने पाये।
जिलाधिकारी ने बैठक में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े कमांडर बीआरओ हरीश कोटनाला को निर्देश दिए कि वे अगले 3 दिन के भीतर बीआरओ के उच्च अधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर लें ताकि वे सप्ताह में लगातार 4 दिन सड़क निर्माण कार्य कर सके। जबकि आदि कैलाश यात्रा को देखते हुए सप्ताह में 3 दिन कार्य की गति को धीमा करते हुए सड़क मार्ग को आदि कैलाश यात्रा के लिए सुचारु रखेंगें।
जिलाधिकारी ने कहा कि आदि कैलाश यात्रा चार धाम यात्रा के समान ही महत्वपूर्ण यात्रा है। सड़क मार्ग बन्द होने के कारण यात्रियों का आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए बगैर ही लौट जाना उचित नहीं है, लिहाजा बीआरओ द्वारा आदि कैलाश यात्रा सुचारू बनाये रखने में जिला प्रशासन को समुचित सहयोग प्रदान किया जाए।
बता दें कि केएमवीएन की ओर से संचालित आदि कैलाश यात्रा का पहला दल आदि कैलाश पर्वत और पार्वती कुंड के दर्शन किए बिना लौटा आया था। इससे यात्रियों में निराशा है। हफ्ते भर से बंद कुटी-ज्योलिंकांग की सड़क नहीं खुलने से आगे के दलों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था।