झारखंडः देशभर में बीजेपी का बोलबाला है तो वहीं झारखंड में विधायक की कुर्सी खतरे में आ गई है। कांके विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक समरी लाल का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद कर दिया गया है। अब उनकी विधायक की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। विधायिकी बचाने के लिए उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। विधायक समरीलाल की ओर से जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किए जाने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार एक याचिका दाखिल कर कहा है कि साजिश के तहत उन्हें पद से हटाने की कोशिश की जा रही है। याचिका में कहा गया है कि जाति छानबीन समिति का आदेश गलत है, क्योंकि उनकी जाति वर्ष 1956 के बाद आरक्षित श्रेणी में सूचित की गई है। जबकि समिति ने इसका कट ऑफ डेट 1950 माना है। इसके अलावा इनकी ओर से दिए गए साक्ष्यों और दस्तावेज पर बिना विचार किए ही समिति ने अपना फैसला सुनाया है, जो नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। इसलिए जाति छानबीन समिति के आदेश को रद किया जाए। विधायक समरीलाल की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
बता दें कि जाति छानबीन समिति ने 1 अप्रैल 2022 को विधायक समरी लाल की जाति प्रमाण पत्र को रद कर दिया है। कल्याण सचिव की अध्यक्षता में जाति छानबीन समिति का गठन किया गया था। सुरेश बैठक की शिकायत पर समिति ने जांच की तो पाया कि समरीलाल झारखंड सरकार की ओर से जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र गलत है। समिति ने इस प्रमाण पत्र को रद कर दिया है। यह प्रमाणपत्र 31 अक्टूबर 2009 को जारी हुआ था। इसकी जानकारी समरीलाल को भी भेजी गई थी।