बहुचर्चित हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती के पेपर लीक होने के दो मामलों में सीबीआई ने मंगलवार को प्रदेश समेत सात राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 50 स्थानों पर दबिश दी। सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, मंडी, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला और सिरमौर जिलों में दबिश दी। वहीं बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में भी छापे मारे हैं। पेपर लीक मामले में अब तक 181 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से कई जमानत पर हैं। बिहार में नालंदा, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय, पटना, नवादा, उत्तराखंड में हरिद्वार, देहरादून, उत्तर प्रदेश में जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर, लखनऊ, अंबेडकर, पंजाब में पठानकोट, हरियाणा में रेवाड़ी जिला और दिल्ली में दबिश दी। सीबीआई ने तलाशी के दौरान विभिन्न दस्तावेज भी बरामद किए गए। हिमाचल में दबिश के दौरान कई आरोपियों से सीबीआई ने पूछताछ की गई है।
गौर हो कि सीबीआई ने 30 नवंबर, 2022 को हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध और केंद्र सरकार की अधिसूचना पर दो मामले दर्ज किए थे। इन मामलों की प्राथमिकी पुलिस स्टेशन गगल और सीआईडी के पुलिस स्टेशन भराड़ी, शिमला में दर्ज की थी। सीबीआई ने इन्हें टेकओवर करते हुए दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। यह परीक्षा 27 मार्च, 2022 को हुई थी। जांच और दस्तावेजों की जांच के दौरान हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि में स्थित विभिन्न बिचौलियों की भूमिका का खुलासा हुआ। आरोप है कि वे संगठित तरीके से पेपर लीक करने के लिए सांठगांठ कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 17 मई को इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने का एलान किया था। इसके बाद मुख्य सचिव ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से सीबीआई जांच का अनुरोध किया था। मंत्रालय ने अनुमति एक नवंबर को दी। मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव और सीबीआई निदेशक को भी सूचित कर दिया था। अब सीबीआई ने मामले में जांच तेज कर दी है।