अहमदाबाद से दिल्ली लौटे सीएम धामी, कहा- अब तक 94 हजार करोड़ के एमओयू पर हुए करार
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आठ और नौ दिसंबर को देहरादून में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए अब तक 94 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हो चुके हैं।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए प्रदेश सरकार ने अब तक 94 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर करार किया है। जल्द ही मुंबई में भी रोड शो कर निवेशकों के साथ राज्य में निवेश के लिए एमओयू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद से वापस आकर मीडिया के साथ बातचीत की, जहां उन्होंने बताया कि निवेशक सम्मेलन के लिए लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली, दुबई, अबूधाबी के साथ चेन्नई, बंगलुरू, और अहमदाबाद में उद्योग समूहों के साथ बैठक की गई। दिसंबर के आठ और नौ तारीखों को देहरादून में योजित होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए अब तक 94 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
इसमें पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, एग्रो, ऊर्जा, लॉजिस्टिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, और आतिथ्य क्षेत्रों में निवेशकों के साथ करार किए गए हैं। उत्तराखंड में निवेश के प्रति निवेशकों को काफी आकर्षित किया गया है। अहमदाबाद में 24 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर करार हुआ है। सरकार का प्रयास है कि अब तक जितने भी निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत हुए हैं, उन्हें इंवेस्टर्स समिट से पहले धरातल पर उतारा जाए। राज्य हित में उपयोगी प्रस्तावों का गहन आकलन भी किया जा रहा है।
रोजगार, प्राथमिक सेक्टर को मजबूत करने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता
सीएम ने कहा, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूती देने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता पर प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, उनमें निवेशकों, उद्योगों और राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखा गया है। पर्यटन, वेलनेस और आतिथ्य क्षेत्र के साथ राज्य में नए व गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है।
सीएम ने कहा, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूती देने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता पर प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, उनमें निवेशकों, उद्योगों और राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखा गया है। पर्यटन, वेलनेस और आतिथ्य क्षेत्र के साथ राज्य में नए व गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है।