देहरादून। प्रदेश की धामी सरकार के खिलाफ कांग्रेस मोर्चा खोले हुए है। इसके चलते कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न मुद्दों को लेकर चकराता विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सचिवालय कूच किया। इस दौरान कांग्रेस ने UKSSSC पेपर घोटाला, अंकिता भंडारी हत्याकांड, प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी और महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा।
सचिवालय कूच से पहले चकराता विधानसभा से सैकड़ों कार्यकर्ता और पार्टी के तमाम नेता रेंजर ग्राउंड मैदान में एकत्रित हुए और एक जनसभा का आयोजन किया गया।
वहीं, विधानसभा सत्र से पहले प्रीतम सिंह का ये शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
खेमेबाजी आई नजर
सचिवालय कूच के दौरान कांग्रेस के अंदर एक बार फिर खेमेबाजी खुलकर नजर आई। प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस कार्यक्रम से दूर दिखे। क्योंकि प्रीतम सिंह के सचिवालय कूच के कार्यक्रम से पहले एक पोस्टर सोशल मीडिया में जारी किया गया था, जिसमें प्रदेश स्तर के किसी भी चेहरे को शामिल नहीं किया था। जिसके बाद संगठन के आपसी वर्चस्व को लेकर कई सवाल खड़े हुए। वहीं कांग्रेस के बड़े नेता अपने अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
निजी कारणों से कई नेता नहीं हुए शामिल- गरिमा
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि सचिवालय कूच प्रीतम सिंह का व्यक्तिगत कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि जब ज्वलंत मुद्दे होते हैं तो किसी का इंतजार नहीं किया जाता है। क्योंकि मुद्दे अपनी जगह पर बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमारे वरिष्ठ नेता हैं ऐसे में दिल्ली में मीटिंग अटेंड करना उनके लिए बहुत जरूरी था। जबकि करन माहरा शादी में व्यस्त होने के कारण प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाए हैं।