केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपना 84वां स्थापना दिवस समारोह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आयोजित कर सकता है। अधिकारियों के अनुसार यह पहला मौका होगा जब बल का वार्षिक कार्यक्रम वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
सीआरपीएफ लगभग 3.25 लाख कर्मियों के साथ देश का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियानों के अलावा पूर्वोत्तर में उग्रवाद और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल के रूप में नामित किया गया है।
बल ने पिछले साल अपना 83वां स्थापना दिवस जम्मू में मनाया था। उससे पहले सरकार ने सभी अर्धसैनिक बलों को ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के बाहर करने के लिए कहा था। अधिकारियों ने बताया कि 84वां सीआरपीएफ दिवस 19 मार्च को बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में मनाया जाएगा।
बस्तर छत्तीसगढ़ के सबसे दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है और यह सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे जिलों से घिरा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन संदेश देगा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के सभी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों का दबदबा है और सशस्त्र माओवादी सदस्यों के चर्चित रणनीतिक जवाबी अभियान (टीसीओसी) के बीच इसका आयोजन किया जाएगा।
अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि छत्तीसगढ़ के ये जिले माओवादी प्रभाव के ‘आखिरी गढ़’ हैं और सीआरपीएफ ने पिछले तीन वर्षों में राज्य में लगभग 15 विशेष कैंप स्थापित किए हैं। सीआरपीएफ की स्थापना 1939 में हुई थी।