ऋषिकेश। युवा न्याय संघर्ष समिति द्वारा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को उपजिलाधिकारी के माध्यम से अंकिता हत्याकांड में छुपे वीआईपी के नाम को उजागर करने व विधानसभा भर्ती घोटाले के मुख्य दोषी प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त कर क़ानूनी कार्रवाई करने के सन्दर्भ में ज्ञापन प्रेसित किया गया,ज्ञापन में शीघ्र कार्यवाही ना होने पर धरना,क्रमिक अनशन व आमरण अनशन की चेतावनी भी दी गई।
मंगलवार को युवा न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अरविंद हटवाल व दीपक जाटव ने कहा कि जहां एक ओर एसआईटी अंकिता हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल करने जा रही परन्तु अभी तक उत्तराखण्ड की बेटी के हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम उजागर नहीं हो पाये हैं साथ ही अंकिता भंडारी, केदार भंडारी जैसे लाखों प्रतिभावान युवाओं के हक की नौकरी अपने नज़दीकियों को बैक डोर से देने वाले विधायक/मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को बर्खास्त नहीं किया गया जोकि न्यायोचित नहीं है ।
समिति से उषा चौहान व संजय सिल्सवाल ने कहा कि अंकिता हत्याकांड की जाँच में जाँच एजेंसी द्वारा हीलाहवाली की जा रही है उपरोक्त प्रकरण की सीबीआई जाँच होनी चाहिये व बैकडोर भर्तियों के लिए प्रेमचंद अग्रवाल एवं गोविन्द सिंह कुंजवाल जैसे तमाम नेताओं पर न्यायिक जांच एवं क़ानूनी कार्यवाही की जानी चाहिये ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो।
इस मौके पर कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला, पार्षद राकेश सिंह, विजयपाल सिंह रावत, मोहन सिंह असवाल, सुरेन्द्र नेगी, जितेंद्र पाल पाठी, गौरव राणा, हिमांशु रावत, शेर सिंह रावत, ग्राम प्रधान विजय पाल जेठुडी, संजय पोखरियाल, हरि राम वर्मा, राजेंद्र गैरोला, कुसुम जोशी, प्रतिमा जोशी, प्रभा जोशी, बृजपाल राणा, अभय वर्मा, नीरज चमोली, प्रवीण जाटव, योगिता भंडारी, चन्दन सिंह पंवार, आदि मौजूद रहे।