देहरादून। उत्तराखंड में धामी सरकार ने लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया हुआ है। अभियान छेड़ रखा है, तो वहीं, अब कथित लव जिहाद जैसे मुद्दों ने प्रदेश का माहौल गरम कर रखा है। प्रदेश के मैदानी इलाकों के लेकर पहाड़ी जिलों तक इस तरह के कई मामले में सामने आ चुके है, जहां मुस्लिम युवकों ने नाम बदलकर नाबालिग हिंदू लड़कियों को पहले प्यार के जाल में फंसाया और फिर उन्हें भगाने का प्रयास भी किया। यहीं कारण है कि सरकार अब इन मामलों को गंभीरता से रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी बयान आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में लव जिहाद के जो मामले सामने आए, उस पर हमने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में जो डेमोग्राफिक बदलाव हुआ है, उस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। जो भी संदिग्ध सामने आ रहा है, उसकी जांच की जा रही है। जांच में यदि किसी व्यक्ति की इस तरह के कामों में संलिप्ता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लव जिहाद के लिए क्या उत्तराखंड सॉफ्ट टारगेट?
सीएम धामी ने कहा कि अब उत्तराखंड सॉफ्ट टारगेट नहीं है क्योंकि प्रदेश में अब हर जांच से गुजरना होगा। उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाही लगातार जारी है, जहां एक ओर वन भूमि पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का काम किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ नदियों के किनारे वन भूमि पर हुए अतिक्रमण पर भी कार्रवाई का सिलसिला जारी है। हालांकि, इस मामले पर सीएम धामी ने कहा कि अतिक्रमण बहुत गंभीर विषय है। बावजूद इसके कुछ लोगों ने इस मामले पर भ्रम फैलाने की भी कोशिश की। सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि जो लोग लंबे समय से वन भूमि पर काबिज हैं, उनके नियमितिकरण के लिए कैबिनेट ने सब कमेटी बनाई है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ हुई बैठक
वहीं, सीएम धामी के साथ हुई बैठक पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने कहा कि लव जिहाद के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई है। सीएम धामी ने कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिए है, जिसमें साफ किया गया है कि कानून के खिलाफ जाकर जो लव जिहाद जैसा काम कर रहा है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।