बागेश्वर। सस्ते इलाज की उम्मीद में सरकारी अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को निजी मेडिकल स्टोरों में दौड़ाया जाता है। जबकि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को साफ तौर पर बाहर से दवा न लिखने के निर्देश जारी हुए हैं, लेकिन बावजूद इसके निर्देशों की खिल्ली उड़ाई जा रही है।
मामला बागेश्वर के जिला अस्पताल का है जहां चिकित्सक खुलेआम मरीजों को बाहर से दवाइयां लिख रहे हैं। इतना ही नहीं जेनेरिक दवाओं के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जन औषधि केंद्र का लाभ भी यहां मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। जब भी मरीज यहां दवाईयां लेने जाओ तो ये दवा नहीं है बाहर से खरीद लो, यह कहकर वापस भेज दिया जाता है। इतना ही मेडिकल स्टोरों ने भी डॉक्टर के केबिन से मरीजों को जोर जबरदस्ती कर अपनी दुकानों तक लाने के कुछ लोगों हायर किए हुए हैं। अस्पताल आए मरीजों और तिमारदारों ने डॉक्टर, मेडिकल स्टोरों पर मिलीभगत से मरीजों को लूटने का आरोप लगाया है।
वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में 99 प्रतिशत दवाईयां उलब्ध है। कभी किसी दवाई की कमी होने पर ही बाहर से दवाईयां लिखी जाती हैं। वहीं बहला फुसलाकर या जबरन मरीजों और तिमारदारों को मेडिकल स्टोर ले जाने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कर रहा है।