उत्तराखंड

दिल्ली दौरे पर सीएम धामी, पीएम मोदी से मुलाकात कर किया ये अनुरोध…




देहरादूनः दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे है। पहले दिन उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से राज्य के विकास और हित के लिए कई मुद्दों पर बात की। सीएम धामी की ये मुलाकात राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रही है। सीएम ने पीएम मोदी के समक्ष कई बाते रखी है। अब वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे।

“मानस खण्ड मंदिर माला मिशन“ की स्वीकृति का अनुरोध

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सीएम ने पीएम मोदी से शिष्टाटार भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्य के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून के आगे बनाए रखने, उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने, कुमांऊ मण्डल के पौराणिक मंदिरों को जोड़े जाने के उद्देश्य से “मानस खण्ड मंदिर माला मिशन“ को स्वीकृति दिये जाने का अनुरोध किया।

 पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं का संचालन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के लिये देवभूमि उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने, मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के शीघ्र एवं सुचारू संचालन के लिए संबंधित को निर्देशित किये जाने के साथ ही टीएचडीसी इंडिया लि. की इक्विटी शेयर धारिता में उत्तर प्रदेश के 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड राज्य को स्थानांतरित करने में केंद्र से सहयोग का भी अनुरोध किया।

उत्तराखंड बन रहा फार्मास्यूटिकल हब

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य, देश के फार्मास्यूटिकल हब के रूप में उभर रहा है। भारत में कुल उपभोग होने वाली दवाओं में उत्तराखंड राज्य में स्थापित औषधि निर्माण इकाईयों की लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। राज्य में स्थापित तीन प्रमुख औद्योगिक संकुलों यथा-देहरादून, हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर में 300 से अधिक फार्मास्यूटिकल निर्माण इकाईयां स्थापित हैं जो एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहीं है।

फार्मास्यूटिकल शोध को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित किये जाने का अनुरोध किया। इससे राज्य में फार्मास्यूटिकल शोध को बढ़ावा मिलेगा। उक्त संस्थान की स्थापना के लिए वांछित भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।

टीएचडीसी इण्डिया लि० से जुड़ा अनुरोध

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को बताया कि टीएचडीसी इण्डिया लि० भारत सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं उत्तर प्रदेश सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का संयुक्त उपक्रम है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 47 (3) के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा विभाजन की तिथि तक टीएचडीसी इण्डिया लि० में किये गये पूंजीगत निवेश के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य को हस्तांतरित होना चाहिए क्योंकि टीएचडीसी इण्डिया लि० का मुख्यालय उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है।

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