उत्तराखंड

डीजिस: डेंगू होने पर यह है उपचार, घरेलू उपचार अपनाएं, डेंगू भगाएं




आप इन उपायों द्वारा डेंगू का घरेलू उपचार कर सकते हैंः-

–गिलोय के प्रयोग से डेंगू बुखार में लाभ
गिलोय बुखार के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने और शरीर की संक्रमण के विरुद्ध रक्षा में मदद करते हैं। गिलोय के तने को उबाल कर इसका काढ़ा बना कर पिएँ।

2-3 ग्राम गिलोय पीस लें और इसमें 5-6 तुलसी की पत्तियाँ मिला कर एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें और मरीज को पिलाएँ।

नीम से डेंगू का इलाज–

नीम के पत्तों का रस पीने से प्लेटलेट्स (Platelets) और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार करते है।

पपीते से डेंगू का उपचार–

पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत लाभदायक होते हैं। पपीते में पोषक तत्वों और कार्बनिक यौगिकों का मिश्रण प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या में वृद्धि करता है।

तुलसी का प्रयोग डेंगू बुखार में फायदेमंद–

तुलसी के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। 5-7 तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पिएँ।

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डेंंगू बुखार में मेथी का उपयोग लाभदायक–

मेथी के पत्ते बुखार को कम करते हैं तथा शरीर में दर्द होने पर भी आराम पहुँचाते है। यह डेंगू बुखार के लक्षणों को शान्त करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।

संतरे से डेंगू बुखार का इलाज–

संतरे के रस में मौजूद एंटीओक्सीडेंट्स (Antioxidants) और विटामिन सी, डेंगू बुखार के लक्षणों के इलाज और वायरस को नष्ट करने के लिए बेहतर माना जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

जौ से डेंगू बुखार का उपचार-

जौ घास रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को सही करके शरीर प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या में वृद्धि करने की क्षमता होती है। डेंगू बुखार के समय खून में प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या बहुत कम हो जाती है, इसलिए इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है। जौ घास से बना काढ़ा पिएँ या इसे सीधे ही खा सकते है।

नारियल पानी का सेवन डेंगू में फायदेमंद-

डेंगू के बुखार में राहत पाने के लिए खूब नारियल पानी पिएँ। इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) शरीर को मजबूत बनाते हैं।

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डेंगू में कद्दू का सेवन लाभदायक-
पके हुए कद्दू को पीस कर उसमें एक चम्मच शहद डालकर पिएँ।

चुकंदर के सेवन से डेंगू का उपचार

चुकंदर के रस में अच्छी मात्रा में एंटीओक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक ग्लास गाजर के रस में मिलाकर पिएँ तो खून में प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं।

एलोवेरा से डेंगू का इलाज–
2-3 चम्मच एलोवेरा का रस पानी में मिलाकर रोज पानी में मिलाकर पिएं। इससे बहुत सारी बीमारियों से बचा जा सकता है।

डेंगू में खान-पान और जीवनशैली ऐसी होना चाहिएः-

डेंगू में मरीज का मुहँ और गला सूख जाता है। इसलिए रोगी को ताजा सूप, जूस और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
नींबू पानी बनाकर पिएँ। नींबू का रस शरीर से गंदगी को पेशाब के द्वारा निकाल कर शरीर को स्वस्थ बनाता है।
हर्बल टी से बुखार में आराम मिलता है। इसमें अदरक और इलायची डालकर बनाएँ।
डेंगू के लक्षण आने पर ताजी सब्जियों का जूस पिएँ। इसमें गाजर, खीरा और अन्य पत्तेदार सब्जियाँ बहुत अच्छी होती हैं। ये सब्जियाँ आवश्यक विटामिन और खनिजों से परिपूर्ण है जो रोगी के प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं।
दलिया का सेवन करें। इसमें मौजूद उच्च फाइबर और पोषक तत्व रोगों से लड़ने के लिए पर्याप्त शक्ति देते हैं।
डेंगू होने पर पेट की समस्या हो जाती है। इसलिए तेलयुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें।
डेंगू के रोगी को प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है। इसलिए रोगी को दूध और डेयरी उत्पाद का सेवन जरूर करना चाहिए।
अधिक से अधिक पानी पिएँ।

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डेंगू के दौरान परहेज

डेंगू होने पर तेज बुखार रहता है, साथ ही पेट की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में जितना सम्भव हो हल्का एवं सुपाच्य आहार ही लेना चाहिए। इसलिए शाकाहारी भोजन को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। शाकाहारी भोजन में सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं और ये आसानी से पच जाते हैं। शरीर को स्वस्थ बनाते हैं। मांसाहार में कई विषाक्त तत्व होते हैं जो कि व्यक्ति के शरीर को बीमार बनाते हैं। इसलिए मांसाहार से सदैव बचना चाहिये।

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