उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 19वीं बैठक सचिवालय देहरादून में हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन्यजीव हेल्पलाइन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के अधिकारियों को मानव वन्यजीव संघर्ष के तहत मिलने वाली राहत राशि, पीड़ितों को 15 दिन के भीतर देने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बंदरों और सूअरों से खेती को बचाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने को भी कहा।
अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने और वनों के पास गांव में सोलर लाइट लगाने, जागरूकता अभियान चलाने व पर्याप्त वन कर्मचारियों की नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिन स्थानों पर मानव-वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले सामने आते हैं, उन जगहों को चिह्नित कर घटनाएं कम करने के गंभीर प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए बायोफेंसिंग पर काम किया जाए।
सीएन ने जानी अधिकारियों की सक्रियता
इसके बाद उन्होंने विभाग के अधिकारियों की सक्रियता जानने के लिए टोल फ्री नंबर पर सुरई रेंज में बाघिन के घायल होने की सूचना दी। इससे विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी जंगल की ओर दौड़ पड़े। हालांकि यह सूचना गलत निकली। असल में सीएम ने यह कॉल वन विभाग की मुस्तैदी परखने के लिए की थी। मुख्यमंत्री धामी ने जब यह सूचना वन विभाग के टोल फ्री नंबर पर दी तो कॉल अटेंड करने वाले कर्मचारी को नहीं पता था कि उनकी बात सीएम से हो रही है। सूचना के आधार पर यह जानकारी संबंधित वन प्रभाग को भेजी गई। वन विभाग के अधिकारी सूचना पर जंगल पहुंचे, लेकिन खोजबीन के बाद भी उन्हें घायल बाघिन नहीं मिली।