हरिद्वार। आज कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व है। यह साल का आखिरी पर्व स्नान है। कार्तिक स्नान पर्व पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले स्नान पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर स्नान के लिए आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हरकी पैड़ी पर लाखों श्रद्धालु गंगा में पावन डुबकी लगा रहे हैं।
हरिद्वार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं, ब्रह़मुहुर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया। भरी ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु हरकी पैड़ी ब्रह्म कुंड के अलावा मालवीय घाट, सुभाष घाट, प्रेम नगर आश्रम समेत विभिन्न गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाते दिखे। मंगलवार को भोर से ही स्नान का क्रम शुरू हुआ। हालांकि चंद्रग्रहण का सूतक लगने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद रहे। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से अपर रोड समेत हरकी पैड़ी क्षेत्र के बाजारों में खासी चहल-पहल दिखी।
पुलिस की ओर से सुरक्षी के पुख्ता इंतजाम
स्नान पर्व के दौरान एहतियात के तौर पर मेला क्षेत्र में दो बम निरोधक दस्ते एवं श्वान दल नियुक्त किये गए हैं जो बस अड्डे , रेलवे स्टेशन व हर की पैड़ी के विभिन्न घाटों पर निरंतर चैकिंग अभियान चलाकर संदिग्ध वस्तुओं की निगरानी रखेंगें। इसी के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर पुलिस प्रबन्ध करने हके लिए सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 09 जोन एवं 33 सैक्टर्स में विभाजित किया गया है। सम्पूर्ण मेले के प्रभारी अधिकारी एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को नियुक्त किया गया है।