उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर क्या है सरकार का प्लान, जानें
देहरादूनः उत्तराखंड में जहां सभी पार्टियां निकाय चुनाव के लिए कमर कस चुकी है। जोरो-शोरो से तैयारियां हो रही है। पार्षद पद के लिए आवेदन मांगे जा रहे है। वही प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में चुनाव के लिए सरकार की ओर से अलग तैयारी चल रही है।
बताया जा रहा है कि इन चुनावों से पहले सरकार प्रशासकों का कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाने का रास्ता तलाश रही है। जिसके लिए विधिक राय ली जा रही है। आइए जानते हैं कब तक हो सकते है प्रदेश में इलेक्शन…
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर से सभी नगर निकायों में कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक तैनात हो गए थे। एक्ट के हिसाब से यह प्रशासक दो जून यानी छह माह तक के लिए ही तैनात हो सकते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता छह जून तक लागू है। लिहाजा, निकाय चुनाव इससे पहले नहीं हो पाए हैं।
अब निकाय चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण लागू करने, निकायों में परिसीमन, पदों का आरक्षण जारी करने आदि कार्यों के लिए कम से कम दो माह का समय चाहिए। छह जून को आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इस पर काम आगे बढ़ सकेगा, लेकिन दो जून को प्रशासकों का कार्यकाल खत्म होने के चलते सरकार अब कुछ समय के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए विधिक राय ली जा रही है। सरकार को अपनी तैयारी के लिए एक माह और राज्य निर्वाचन आयोग को करीब 28 दिन की जरूरत है। इस लिहाज से निकाय चुनाव अगस्त-सितंबर तक खिसक सकते हैं। वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर सभी निकायों में मतदाता सूची संशोधन संबंधी काम हो रहा है।
उत्तराखंड में नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ने की “सरकार तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि अगस्त सितम्बर में नगर निकाय चुनाव हो सकतें है। नगर निगम,नगर पालिका, और नगर पंचायत में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल 2 जून को समाप्त हो रहा है। सरकार विधिक राय के बाद सभी नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा सकती है।