उखीमठ। पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं की जयकारों व विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं के साथ विराजमान हुई। भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर मन्दिर समिति द्वारा ओंकारेश्वर मन्दिर को 8 कुन्तल फूलों से सजाया गया।
बता दें कि दोपहर बाद भगवान बूढा़ मद्महेश्वर की डोली ने भक्तों को आशीष दिया , जबकि मंगलवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी। सोमवार को ब्रह्म बेला पर मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने गिरीया गाँव में पंचाग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर सहित 33 कोटि देवी – देवताओं का आह्वान कर आरती उतारी तथा निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरीया से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुई।
भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के फापज, सलामी गाँव सहित विभिन्न यात्रा पड़ाव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षरों से भव्य स्वागत किया तथा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र की समृद्धि की कामना की। जिसके बाद दोपहर दो बजे भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो गयी। भगवान मद्महेश्वर की डोली के ऊखीमठ आगमन पर हजारों भक्तों ने डोली के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।