प्रतिभा हो तो रास्ते भी निकल आते हैं और मंजिल भी जरूर मिलती है। देवभूमि के होनहार बेटे जयप्रकाश ने यह साबित कर दिखाया है। थाईलैंड में आयोजित जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप ने पदक जीत जयप्रकाश ने उत्तराखंड के साथ ही देश का भी मान बढ़ाया है।
56 किलो भार वर्ग में जीता पदक
थाईलैंड में आयोजित जु-जित्सू एशियन चैंपियनशिप देश भर से छह खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीतकर नाम रोशन किया है। इसमें तीन उत्तराखंड से हैं। जयप्रकाश भी इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं। जयप्रकाश ने 56 किलो भार वर्ग में पदक जीतकर दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है।
मता-पीता ने कर्ज लेकर भेजा था खेलने
उधमसिंहनगर के रुद्रपुर निवासी जयप्रकाश के माता पिता ने अपने बेटे को कर्ज लेकर विदेश चैंपियनशिप खेलने भेजा था। जयप्रकाश के पिता मजदूरी करते हैं और बेटे को विदेश भेजने के लिए 90 हजार रुपये जुटाना उनके लिए मुश्किल था। फिर खेल प्रेमी आगे आए और मदद जुटाई। मां ने भी महिला समूह से रुपये उधार लेकर बेटे को रवाना किया। आखिरकार जयप्रकाश ने अपनी प्रतिभा के बूते बेहतरीन कर कांस्य पदक जीतकर दिखा दिया।
भारत के 34 खिलाड़ियों ने किया प्रतिभाग
बैंकाक (थाइलैंड) में 24 से 28 फरवरी तक जु-जित्सू एशियन चैंपियशिप हुई। जु–जित्सू एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष रेंशी विनय कुमार जोशी ने बताया कि जु–जित्सू इंटरनेशनल फेडरेशन व जु–जित्सू एशियन यूनियन की तरफ से आयोजित प्रतियोगिता में एशिया के 30 देशों के 500 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। भारत से 34 खिलाड़ी बैंकाक पहुंचे थे। इसमें उत्तराखंड से रुद्रपुर के बुक्सौरा गांव निवासी जयप्रकाश, हल्द्वानी की नव्या पांडेय और आदर्श शर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन कर कांस्य पदक जीता। विजेता खिलाड़ियों को चीन के होंगझाऊ शहर में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स में शामिल किया जाएगा।