उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल और उत्तरकाशी के पहाड़ी जिलों में रहने वाले 180 से ज्यादा छात्रों को शनिवार रात करीब एक बजे नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से मेल आया। ईमेल के जरिए छात्रों को सूचना दी गई थी कि उन्हें एक सीयूईटी (CUET) के एक पेपर की पुनः परीक्षा अगली ही सुबह देनी है। ज्यादातर छात्रों का पेपर छूट गया क्योंकि इतनी शॉर्ट नोटिस पर घर से 100-100 किमी दूर परीक्षा केंद्र पर जाना छात्रों के लिए संभव नहीं हो पाया। हालांकि, एनटीए की ओर से कहा गया है कि इससे छात्रों के नतीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
दरअसल, शनिवार की रात छात्रों को ईमेल आया, जिसमें कहा गया था, “आपकी परीक्षा जो 31 मई 2023 (शिफ्ट-2) में आयोजित की गई थी, उसे कल के लिए रीशेड्यूल किया गया है। कृपया अपना प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in से डाउनलोड करें।” पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले आयुष चमोली के घर से परीक्षा का सेंटर लगभग 160 किमी दूर देहरादून में था। वह एग्जाम सेंटर तक जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं कर पाए। उन्होंने बताया कि उनकी बीएससी (गणित) की परीक्षा 31 मई को आयोजित की गई थी। पहले वाले में कुछ समस्या थी, इसलिए इसी पेपर को रविवार के लिए रीशेड्यूल किया गया था।
आयुष ने कहा कि मुझे रविवार को सुबह 6 बजे एक दोस्त ने ईमेल के बारे में बताया। केंद्र पर रिपोर्ट करने का समय 11.15 बजे था। गांव से पहली बस सुबह 7 बजे निकलती है और दोपहर 2 बजे तक देहरादून पहुंचती है। उन्होंने कहा कि इस वजह से मैं एक इंपॉर्टेंट पेपर देने से चूक गया। एक अन्य छात्र ने कहा कि पेपर की सूचना मिलने और केंद्र तक पहुंचने के लिए हमारे पास शायद ही कोई रास्ता था। मैदानी इलाकों की तरह पहाड़ों पर यात्रा करना आसान नहीं है। हम में से कई लोगों ने अपनी परीक्षा छोड़ दी क्योंकि हम सभी ने परीक्षा के दिन सुबह ईमेल देखा था।
पेपर छूटने के बाद चिंतित छात्रों ने एनटीए को पत्र लिखकर मदद मांगी है। आयुष ने सोमवार को कहा कि हमने एनटीए को अपनी समस्या के बारे में बताया है। उम्मीद है कि हमें जल्द ही कोई समाधान मिलेगा। वहीं, NTA का कहना है कि कैंडिडेट्स ने मई में एग्जाम दिया था, लेकिन उनमें से कई छात्रों ने दावा किया था कि गणित के पेपर की बजाय उनकी स्क्रीन पर किसी और विषय का पेपर अपलोड हो गया था। इसलिए उन्हें पेपर देने का एक और मौका दिया गया।
देर रात प्रवेश पत्र का मेल करने के सवाल पर एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे परिणाम प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि वे छात्र पहले ही परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। छात्रों को एहतियाती तौर पर फिर से परीक्षा देने के लिए कहा गया था। एनटीए ने कहा कि छात्रों के प्रवेश पत्र जल्दी-जल्दी में जारी किए गए थे लेकिन उनके एग्जाम सेंटर्स में बदलाव नहीं किा गया था।