झारखंडः सरकारी अस्पतालों में भले ही सरकारे व्यवस्थाओं को लेकर बड़े बड़े दावें करती हो। लेकिन जमीनी हकिकत कुछ ओर ही बयां करती है। सरकारी अस्पतालों की लापरवाही को बयां करता और दिल को झकझोर कर रख देने वाला मामला झारखंड के गिरीडीह से सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही की वजह से तीन दिन की नवजात बच्ची को चूहों ने कुतर दिया। बच्ची की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। परिजनों ने मामले में अस्पताल में जमकर हंगामा किया और दोषी डॉक्टर्स और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार द्वारा संचालित गिरीडीह जिला अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई (MCH) में एक नवजात बच्ची की जिंदगी खतरे में आ गई है।बताया जा रहा है कि जमुआ के असको निवासी राजेश सिंह की पत्नी ममता देवी गर्भवती थी। प्रसव के लिए चार दिन पहले उन्हें भर्ती करवाया गया था। यहीं पर शुक्रवार को ममता ने लड़की को जन्म दिया। बच्ची को सांस लेने में दिक्क़त थी। ऐसे में उसे बेहतर इलाज के लिए MCH के शिशु वार्ड में रखा गया था। इस बीच सोमवार की सुबह लगभग तीन बजे शिशु वार्ड में कार्यरत नर्स ने बच्ची के परिजनों को यह खबर दी कि बच्ची को पीलिया हो गया है।
बताया जा रहा है कि कॉल के बाद परिजन बच्ची का हाल जानने वार्ड में गए तो वहां पर कपड़े में लपेटकर बच्ची को सौंप दिया गया। परिजन बच्ची को लेकर धनबाद चले गए तो वहां पर डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को चूहा ने कुतर दिया है। जिसके बाद पीएमसीएच धनबाद रेफर किया गया है जहां उसका ट्रीटमेंट चल रहा है। वहीं इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने अस्पताल कर्मियो के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है। वहीं इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है, जिसके बाद एएनएम को निलंबित कर दिया गया है, दो जीएनएम और एक क्लीनर को बर्खास्त कर दिया गया है और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।