प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है। नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह पूजा-पाठ से शुरू हुआ था। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे इसमें पीएम मोदी के द्वारा ऐतिहासिक और धार्मिक सेंगोल को भी स्थापित किया गया है। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। वहीं नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है।
बता दें कि नई संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही अलग अंदाज में नजर आए। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
As the new building of India’s Parliament is inaugurated, our hearts and minds are filled with pride, hope and promise. May this iconic building be a cradle of empowerment, igniting dreams and nurturing them into reality. May it propel our great nation to new heights of progress. pic.twitter.com/zzGuRoHrUS
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2023
नई संसद की खासियतें
नए संसद भवन की आधारशिला पीएम मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को रखी थी। नए भवन को गुजरात की कंपनी एचसीपी की ओर से डिजाइन किया है। इसमें लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य के बैठने की क्षमता है, संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा हॉल में 1,272 सदस्य बैठ सकते हैं। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से निर्मित नए भवन में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के कमरे, बड़े पार्किंग एरिया के साथ-साथ वाआईपी लाउंज की भी व्यवस्था की गई है।
त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं। नया संसद भवन दिव्यांगों के अनुकूल होगा और मंत्रिपरिषद के इस्तेमाल के लिए करीब 92 कमरे होंगे। नए संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है।
नई बिल्डिंग की लागत
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन के निर्माण की बोली 861.90 करोड़ रुपये की लागत से जीती थी, हालांकि, वर्ष 2020 में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद को सूचित किया था कि नए भवन के निर्माण की अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये है। पिछले साल, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि नए संसद भवन की लागत बढ़कर 1,200 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
नया संसद भवन किसका प्रतीक है?
नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत (आत्मनिर्भर भारत) की भावना का प्रतीक है। संसद का नवनिर्मित भवन, जो भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा, अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस है, जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर तरीके से करने में मदद करेगा।
किसको भेजा गया समारोह का निमंत्रण?
भवन के उद्घाटन समारोह के लिए सभी सांसदों और प्रमुख नेताओं को न्यौता भेजा गया है। साथ ही केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों, भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल, उद्योगपति रतन टाटा को भी आमंत्रित किया गया है। खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों समेत कई प्रमुख हस्तियों को भी निमंत्रण भेजा है।
जानिए पुरानी पार्लियामेंट के बारे में
संसद के मौजूदा भवन की बात करें तो ये लगभग 100 साल पुराना है, जिसका निर्माण कार्य 1927 में पूरा हुआ था। इस इमारत के उद्घाटन के लिए 18 जनवरी 1927 को एक भव्य आयोजन किया गया था और तत्कालीन वाइसरॉय लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था। उस समय इसे ‘काउंसिल हाउस’ के रूप में जाना जाता था। पुरानी संसद में कुल 12 गेट हैं।