हेमकुंड साहिब आने जाने के लिए अब देश विदेश के तीर्थ यात्रियों को रोपवे की सुविधा मिलने की उम्मीद जगी है इसके तहत गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.6 किलोमीटर तक रोपवे का निर्माण पूरा होगा। गोविंदघाट से लेकर भ्यूंडार, घांघरिया और हेमकुंड साहिब में रोपवे का सर्वे पूरा हो गया है। अब रोपवे के डिजाइन का काम भी शुरू हो गया है रोपवे का निर्माण पूरा हो गया है तो हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए अब दो दिन के बजाय अब करीब 25 मिनट में ही पहुंच सकते है।
हेमकुंड साहिब रोपवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा मौजूदा समय में बेहद कठिन और तकलीफ देय थी। तीर्थयात्री गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की पैदल दूरी तयकर पहुंचते हैं। अधिक पैदल दूरी होने के कारण तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में दो दिनों का समय लग जाता था।
हेमकुंड साहिब के लिए गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर सेवा भी है, लेकिन यह सेवा घांघरिया तक ही संचालित होती है, जिससे तीर्थयात्रियों को कम से कम छह किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में कई असहाय तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब तक भी नहीं पहुंच पाते हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
अब केंद्र सरकार की पहल से 764 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रण में संचालित एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) के एक अधिकारी ने बताया कि हेमकुंड साहिब तक रोपवे का भू सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है। रोपवे के डिजाइन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। साथ ही टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है।