ब्यूरो। वर्तमान सत्ता के आधा दर्जन से अधिक MLA अपनी सीट बदलने की कोशिशों में लगे हैं। ऐसे में कोई पहाड़ चढ़ने की तैयारी कर रहा है तो,कोई पहाड़ से मैदान से चुनाव लड़ना चाहता है और कोई अपने क्षेत्र के आसपास की सीट लड़ना चाहता है।
बता दें, कुछ माह बाद उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले है। पॉलिटिक्स पार्टी के साथ ही राजनीतिक दलों के साथ ही नेताओं ने भी अपने-अपने हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी है।
भाजपा संगठन हर हाल में 2022 के विधानसभा चुनाव को फतह करने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें संगठन और सरकार ने अपने अपने हिसाब से जोर लगाना शुरू कर दिया है। इस बीच कई सिटिंग विधायकों की टिकट कटने की बातें भी खूब हो रही हैं। इसका आधार परफारमेंस और जनता के बीच छवि को बनाया जा रहा है।
इस बीच, पार्टी के करीब आधा दर्जन विधायक सीट बदलने की जुगत लगा रहे हैं। कोई पहाड़ से मैदान में उतरना चाहता है तो कोई अपनी मौजूदा सीट के आस-पास की सीट में अपनी अच्छी संभावना देख रहा है।
बताया जा रहा है कि ऐसे विधायकों ने अपने मन की बात धीरे-धीरे बोल कोई सुनना ले की तर्ज पर आगे बढ़ानी भी शुरू कर दी है। समर्थक भी अपने तरीकों से इस बात को पब्लिक डोमेन में ला रहे हैं। ताकि यदि ऐसा हुआ तो नेता जी का नाम नई सीट पर अनजान सा न लगे।
माना जा रहा है कि यदि कुछ विधायकों के टिकट कटे तो कुछ की सीट बदलने की मंशा पूरी भी हो सकती है। सीट बदलना विधायकों के लिए कितना शुभ रहता है ये देखने वाली बात होगी। राज्य गठन के बाद हुए चुनाव पर गौर करें तो अधिकांश विधायकों को सीट बदलना खूब फबा। हां, कुछेक विधायक/पूर्व विधायकों के लिए सीट बदलना शुभ नहीं रहा।