ब्यूरो। अगले कुछ दिन बाद विधानसभा चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक दलों के मोहरों का ऐलान भी हो जाएगा। जिसके लिए पार्टियां विधानसभावार संभावित प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक कांग्रेस (Congress) में 45 तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) में भी तकरीबन 30 टिकट फाइनल हैं। जिनका ऐलान अभी बाकी है। जबकि उत्तराखंड की सियासत में दस्तकवार आम आदमी पार्टी (Aap) भी विधानसभा प्रभारी के तौर पर 45 से अधिक नाम तय कर चुकी है। जिनकी हालिया परफारेमेंस के आकलन के बाद टिकट फाइनल होगा।
Rishikesh Assembly सीट की बात करें तो यहां भाजपा और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम करीब-करीब तय बताए जा रहे हैं। जबकि कांग्रेस में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। जिसपर एक-दूसरे को पटकनी देने के चलन के कारण पेंच फंसा सा लग रहा है। उधर, उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) इस सीट के लिए पूर्व प्रधान मोहन सिंह असवाल के नाम का ऐलान कर चुकी है, तो उत्तराखंड जनएकता पार्टी (UJP) से भी पूर्व मंत्री दिनेश धनै के बेटे कनक धनै मैदान में आएंगे।
भाजपा के इस गढ़ में इस मर्तबा भी दावेदारों की कमी नहीं, या यूं कहें कि पहले से अधिक दावेदार सामने हैं। बावजूद इसके बताया जा रहा है कि पार्टी ने प्रत्याशी काफी पहले फाइनल कर दिया था। शायद पार्टी की पहली लिस्ट में इसका ऐलान होना भी हो जाएगा। बताते हैं कि पार्टी सीटिंग MLA और स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल पर चौथी बार भी दांव आजमाने के मूड में है। हालांकि खेमेबाजी के किस्सों के बरक्स पार्टी का निर्णय कितना मुफीद साबित होगा, इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
बात करें, उत्तराखंड में नई नवेली आम आदमी पार्टी की, तो वहां भी ‘सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम लट्ठा’ वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। पार्टी में फिलहाल दो दावेदार सामने आएं। जिनमें से एक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राजे सिंह नेगी को पार्टी ने अलग-अलग पद सौंपने के बाद अब विधानसभा प्रभारी का दायित्व सौंपा है। परफारमेंस के आधार पर उनकी सक्रियता के नजरिए से देखें तो इस सीट पर डॉ. नेगी का नाम तय माना जा रहा है। जबकि दूसरे दावेदार का दावा विधानसभा क्षेत्र की दीवारों पर चस्पा पोस्टरों से झलक रहा है।
यहां सबसे ज्यादा सियासी झगड़ा अगर कहीं है तो वह कांग्रेस में है। यहां टिकट के लिए ‘एक सीट नौ दावेदार’ का दावा पेश हुआ है। जिनमें पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, दो बार के प्रत्याशी राजपाल खरोला, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, प्रदेश महासचिव विजय सारस्वत, पूर्व ब्लॉक प्रमुख डॉ. केएस राणा, तीन बार नगरपालिका अध्यक्ष रहे दीप शर्मा, नगर कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सूधीर राय, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत और मंडी समिति के पूर्व सभापति रामविलास रावत का नाम है।
कांग्रेस की स्थानीय राजनीति के जानकार बताते हैं कि इनमें कुछ नाम ऐसे हैं, जो मुख्य दावेदारों के ही हम-कदम है, तो कुछ ऐसे जिनका दावा सिर्फ ‘भांजीमार’ सियासत का हिस्सा भर है। यह भी कि जनाधार के लिहाज से कईयों की बुनियाद तो सिर्फ अखबारों की कतरनों पर टिकी है, मगर उनमें कईयों की आला नेताओं तक पकड़ अच्छी है। जिसके चलते ही टिकट पर निर्णय अटका है। ऐसे में बताया जा रहा है कि इस सीट का नंबर संभवतः पार्टी की आखिरी कैंडिडेट लिस्ट में ही आ पाएगा।
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November 20, 2024 at 5:15 AM
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