देहरादून। राष्ट्र को समर्पित होने वाला व्यासी डैम बनकर हुआ तैयार हो चुका है,कुछ दिन बाद ही डैम में जलाशय भरने की तैयारी जोरों पर है। महाप्रबन्धक (जनपद) व्यासी परियोजना डाकपत्थर सुनील कुमार जोशी ने बताया कि व्यासी जल विद्युत परियोजना को ऊर्जाकृत करने हेतु परियोजना के आवश्यक कार्य लगभग पूर्ण हो गये है और परियोजना की संरचनाओं, गेट एवं मंशीनों आदि की टेंस्टिग हेतु परियोजना के जलाशय को 28 नवम्बर 2021 को भरा जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के संचालन हेतु जलाशय में अधिकतम जल स्तर 631.50 मी0 एवं न्यूनतम जल स्तर 626.00 मी0 रखना होगा। परियोजना के जलाशय क्षेत्र में तहसील कालसी का राजस्व ग्राम लोहारी तल 624 मी0 से 630 मी0 तल के मध्य स्थित होने के कारण पूर्ण डूब क्षेत्र में आ रहा है। डूब क्षेत्र में आ रही ग्राम लोहारी, विहार, बिन्हार व कन्डिरियान की प्रभावित कुल 8.761 हे0 भूमि का विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के आदेश संख्या 1974 से 1990 के द्वारा अधिग्रहण कर प्रतिकर का भुगतान भी कर दिया गया। पूर्व अधिग्रहीत भूमि 8.761 हे0 के सापेक्ष शासनादेश 13 जनवरी 2016 के अनुपालन में देय अनुग्रह सहायता का भुगतान ग्राम लोहारी वासियों द्वारा इनकी “भूमि के बदले भूमि” की मांग के चलते नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व अधिग्रहीत भूमि 8.761 हे0 के सापेक्ष देय अनुग्रह सहायता अनुदान भारत सरकार के “भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्यवस्र्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार ग्राम लोहारी की अवशेष भूमि जो कि पूर्व अधिग्रहण के समय छुट गयी थी एंव परिसम्पत्तियों आदि का मूल्यांकन अधिनियम 2013 की धारा 29 के अनुसार कर दिया गया है। तथा पुनर्वास अधिकारी, लखवाड-व्यासी बाॅध परियोजना डाकपत्थरध्उपजिलाधिकारी विकासनगर द्वारा अधिनियम की धारा 21 के क्रम में हितबद्ध व्यक्तियों के सूचनार्थ, “परिसम्पत्तियों के रकबे,ध्स्वामित्व एवं मूल्यांकन” आदि का विवरण स्थानीय समाचार पत्रों में 15 नवम्बर 2021 को प्रकाशित कर हितबद्ध व्यक्तियों से परिसम्पत्तियों के रकबेध् स्वामित्व एवं मूल्यांकन आदि पर 14 दिसम्बर 2021 तक आपत्तियां आमन्त्रित की गई है। उन्होंने अवगत कराया कि लोहारी ग्राम वासियों को खादर स्थित धैरा कालोनी की भूमि पर विस्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
उक्त भूमि राजस्व अभिलेखों में “धैरा कालोनी यमुना स्कीम” सिंचाई विभाग के नाम दर्ज है। उक्त भूमि को यूजेवीएन लिमिटेड को हस्तान्तरित की प्रक्रिया शासन स्तर पर गतिमान है।
उन्होंने कहा कि परियोजना को ऊर्जाकृत करने एवं राष्ट्र को समर्पित करने से पूर्व परियोजना की संरचनाओं, आदि को टेस्ट करने हेतु परियोजना के जलाशय को 28 नवम्बर 2021 से 620.00 मी0 के तल भरा जाना प्रस्तावित है जलाशय को 620.00 मी0 के तल तक भरने पर ग्राम लोहारी की परिसम्पत्तियों को कोई क्षति नहीं होगी। ग्राम लोहारी का पुनस्र्थापन करने के उपरान्त जलाशय का जलस्तर 620.00 मी0 तल से बढ़ाकर परियोजना को ऊर्जाकृत कर राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा।