आस्था। सूर्यग्रहण अथवा चंद्रग्रहण दोनों ही सौरमंडल की महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं हैं। मानव सभ्यता पर इनका अच्छा और बुरा असर निश्चित ही पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र इनके प्रभावों की विवेचना कर समाधान का मार्ग बताता है। ग्रहण का असर भले ही कुछ ही घंटों तक सीमित होता है, किंतु इनका प्रभाव पूरे वर्ष बना रहता है। नए संवत्सर में 16 मई 2022 को पहला खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। यह भले ही भारत में नहीं दिखेगा, फिर भी इसका असर सभी राशियों पर पड़ना तय है। चंद्र ग्रहण कुछ जातकों की राशियों के लिए बुरे तो कुछ के लिए बेहद शुभकारी फलदायक रहेगा।
यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल का। बताते हैं कि सूर्यग्रहण से ठीक 17 दिन बाद 16 मई 2022 सोमवार के दिन खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है। भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण सुबह 7:58 से पूर्वाह्न 11:25 बजे के मध्य रहेगा। जो कि अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, केन्या, मिस्र,सूडान, रोमानिया, पोलैंड, जर्मनी, नार्वे और रूस में दिखाई देगा। खंडग्रास चंद्र ग्रहण के दिन में लगने के कारण भारत अदृश्य रहेगा।
डॉ. घिल्डियाल बताते हैं कि ज्योतिष में चंद्रमा को मन का स्वामी माना गया है। वह जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है तो छाया ग्रह केतु उसे ग्रसित कर लेता है। यद्यपि यह घटना कुछ समय के लिए होती है, परंतु उसका असर पूरे एक वर्ष तक रहता है । बताया कि भारत में अदृश्य होने के कारण चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा। लेकिन इस समयकाल में मंत्र व यंत्र सिद्धि, साधना विशेष फलदायी होते हैं।