–नकल माफियों के नटवरलालों ने STF को दिए दरोगाओ के नाम-
देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक की जांच के बाद एक के बाद उत्तराखंड पुलिस की SI भर्ती में हुए खेल का भी खुलासा होने जा रहा है। Uttarakhand Police SI Exam 2015 में भी कई दारोगाओं के चयन में Hakam Singh Rawat, केन्द्रपाल (Kendrapal) और चंदन सिंह मनराल (Chandan Singh Manral) का हाथ बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर कई दारोगाओं की फोटो भी Hakam Singh Rawat के साथ वायरल हो रही है। वहीं, दूसरी ओर Uttarakhand Police की STF को भी इन तीनों नकल के नटवारलालों ने कई चयनित दारोगाओं के नाम दिए हैं। ऐसे में दूसरे विभागों की खबर लेने वाले पुलिस महकमे में ही हड़कंप मचा हुआ है।
वहीं, Uttarakhand STF ने पुलिस (Police) विभाग की वजाय किसी दूसरे विभाग या संस्था से इसकी जांच करवाने की सिफारिश उत्तराखंड शासन के गृह विभाग को दी है। ऐसे में अब देखना होगा कि Uttarakhand Police दारोगा भर्ती (SI Exam 2015) में Hakam Singh Rawat और उसकी नकल गैंग ने किस-किस को Uttarakhand Police के इस बैच के 339 पदों के चयन में खेल कर SI की सरकारी नौकरी दिलाई है।
2015 बैच के 339 SI में से कितने हाकम सिंह रावत ने लगाए
गौरतलब है कि 2015-16 में हुई 339 पदों पर उत्तराखंड पुलिस की दारोगा भर्ती जीबी पंत यूनिवर्सिटी पंतनगर ने करवाई थी। पंतनगर यूनिवर्सिटी का पूर्व परीक्षा सेल अफसर कुछ दिन पहले ही एसटीएफ ने अरेस्ट किया है। ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि इसमें भी कोई खेल नकल माफिया ने न किया हो।
उत्तराखंड सरकार ने हालांकि इस भर्ती की जांच के आदेश में दे दिए हैं, लेकिन बेरोजगार सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला सामने आने के बाद लगातार हो रहे खुलासों के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 2015-16 में हुई उत्तराखंड एसआई भर्ती की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों पर रासुका और गैंगस्टर लगाया जाएगा और संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
वहीं, बता दें कि दो दिन पहले पुलिस मुख्यालय ने दरोगा भर्ती की विजिलेंस या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। इस सिफारिश से इस बैच के दरोगाओं में हड़कंप मच गया है।
गोविंद बल्लभ पंत पंतनगर विश्वविद्यालय ने करवाई थी भर्ती
गोविंद बल्लभ पंत पंतनगर विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड पुलिस दारोगा (एसआई) के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घपले के अलावा दो और भर्तियों की जांच एसटीएफ को मिलने के बाद 2015-16 की भर्ती पर सवाल उठाने वाले फोटो और पोस्ट वायरल हुई थी। लगातार सवाल उठ रहे थे कि दूसरी भर्तियों में खुलासे करने वाला पुलिस महकमा अपनी ही भर्तियों की जांच क्यों नहीं कर रहा है?
विभागीय सूत्रों ने बताया कि पुलिस ही पुलिसकर्मियों की जांच करती तो इस पर सवाल उठने लाजिमी थे। इसी कारण पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच विजिलेंस या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से कराने का प्रस्ताव उत्तराखंड शासन के गृह विभाग को भेजा है।
, पूर्व में अरेस्ट नकल के बड़े नटवरलाल के रूप में सामने आ चुके हाकम सिंह रावत के साथ दो दारोगाओं के फोटो भी वायरल हो रहे हैं। यह मामला इसके बाद ज्यादा गर्माया जब यूकेएसएसएससी पेपर लीक भर्ती घपले के आरोपी बड़े नटवरलाल हाकम सिंह रावत के साथ वर्ष 2015 16 की भर्ती के दो दारोगाओं की फोटो वायरल हुई।
सोशल मीडिया पर भर्ती के समय खुद हाकम सिंह ने इसे डाला था। इन दारोगाओं को उसने छोटा भाई कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह इन्हें ट्रेनिंग ज्वाइन कराने के लिए जा रहा है। यह भी बताया जा रहा कि ये दरोगा उस भर्ती में सबसे अच्छी मेरिट से पास हुए थे। मामले के सोशल मीडिया में जोर पकड़ने के बाद पुलिस पर इस भर्ती की भी जांच कराने का दबाव बढ़ गया।
339 में से 104 महिलाएं भी बनी इस परीक्षा में Sub Inspector
उत्तराखंड पुलिस एसआई की इस परीक्षा में 17606 बेरोजगार युवा शामिल हुए थे। परीक्षा 5 अप्रैल 2015 को गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर ने आयोजित की थी। चयनित किए गए अभ्यर्थी सिविल पुलिस, पीएसी और अभिसूचना में सब कांस्टेबल (एसआई) के लिए की गई थी। सफल अभ्यर्थियों में 104 महिलाएं भी शामिल थीं।
नकल के बड़े नटवरलाल हाकम, केन्द्रपल और मनराल ने कई नाम STF को दिए
दारोगा भर्ती की जांच की मांग को पुलिस मुख्यालय ने सिर्फ भर्ती घपले में गिरफ्तार हाकम की फोटो के आधार पर नहीं माना। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड एसटीएफ की पूछताछ में हाकम ने कुछ दारोगाओं के नाम का खुलासा भी किया है।
इसके अलावा भर्ती घपले में गिरफ्तार रामनगर के खनन कारोबारी चंदन मनराल और यूपी के केंद्रपाल ने भी कई दारोगाओं के नाम एसटीएफ की पूछताछ में बताए हैं। इन सभी नामों को सबको जांच में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा बीते रोज गिरफ्तार पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व एआरओ से पूछताछ में भी इस भर्ती से जुड़ी कुछ बातें सामने आई हैं।